लुधियाना: पंजाब में किसानों ने एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, आज संयुक्त किसान मोर्चा की एक अहम बैठक हुई। इस बैठक में 25 जत्थेबंदियां शामिल हुई। मीटिंग खत्म होने के बाद मीडिया से बात करते हुए किसान जत्थेबंदियों ने कहा कि सरकार ने धान की खरीद और मंडियों में धान की लिफ्टिंग के लिए 2 दिन का समय मांगा था, लेकिन उन्होंने 4 दिन का समय दिया था।
किसान नेताओं ने कहा कि अभी तक भी हालात उसी तरह के बने हुए हैं। इस कारण किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं ने कहा कि उन्होंने केंद्र और पंजाब सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए प्रोगाम तैयार किए है। इसमें किसानों द्वारा अब 25 अक्टूबर को सुबह 11 बजे से 3 बजे तक नेशनल हाईवे और मंडियों के पास किसानों को लेकर धरना लगाया जाएगा और सरकार के खिलाफ प्रदशन किया जाएगा। इसके बाद 29 अक्टूबर को जिले के डिप्टी कमिश्नरों के दफ्तरों के बाहर धरने लगाए जाएंगे।
इस दौरान डिप्टी कमिश्नरों को उनके दफ्तरों के बाहर नहीं आने दिया जाएगा और काम को रोका जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर फिर भी हालात न सुधरे तो और लिफ्टिंग शुरू न हुई तो बड़े एक्शन की तैयारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर मंडियों में धान की खरीद और लिफ्टिंग शुरु नहीं होती को उप-चुवान के समय भी उनके द्वारा कोई बड़ा एक्शन लेने की तैयारी की जा सकती है। किसानों ने कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायक मंडियों में नहीं जा रहे हैं।
किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर आने वाले दिनों में यह मामला हल न हुआ तो उनके द्वारा आम आदमी पार्टी के मंत्रियों को काले झंडे भी दिखाए जा सकते हैं। जब रवनीत सिंह बिट्टू पर किसान नेताओं से सवाल किया गया कि उनके द्वारा लगातार किसानों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा ही किसानों के उलट रही है। वहीं बिट्टू भी भाजपा में है और वह उनके खिलाफ बोलते हैं पर जब वह उनके सामने आया तो फिर इस बात का किसान भी जवाब देंगे और उसे भी काले झंडे दिखाएंगे।