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लुधियानाः अमेरिका से डिपोर्ट हुए पुलिस कर्मी के बेटे को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी पर कई मामले दर्ज है। वहीं गुरविंदर सिंह की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस अधिकारी का बयान सामने आया है। मामले की जानकारी देते हुए जांच अधिकारी ने कहा कि आरोप गुरविंदर पर आर्म्स एक्ट के तहत 3 मामले दर्ज है। जिसमें एक मामले में आरोपी के खिलाफ वांट जारी किए गए थे। जिसमें लगातार बयान दर्ज किए जा रहे थे। आरोपी के खिलाफ 26 दिसंबर 2021 को आखिरी पर्चा दर्ज हुआ था। जिसके बाद आरोपी ने फर्जी पास्पोर्ट बनाकर विदेश के लिए रवाना हो गया था।
इस दौरान फर्जी पास्टपोर्ट बनाने के मामले में थाना मेहरबान में अलग मामला ट्रैवल एजेंट के खिलाफ दर्ज किया गया है, जिसकी जांच की जा रही है। आरोपी के पिता दारी सिंह थाना जोधेवाल में सीनियर कांस्टेबल के पद पर तैनात है। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद अब उसका सिविल अस्पताल में मेडिकल करवाने के लिए लाया गया है, जहां आरोपी का मेडकिल करवाने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। हैरानी की बात यह है कि आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिसकर्मी भारी मात्रा में गाड़ियों का काफिला लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे, लेकिन आरोपी को ऑटो में बिठाकर सिविल अस्पताल में मेडिकल करवाने के लिए ला गया। बता दें कि गुरविंदर को देर रात जमालपुर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था। गुरविंदर के चचेरे भाई की शादी का हवाला देकर परिवार ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया था।
रिश्तेदारों ने बताया कि गुरविंदर के डिपोर्ट की अचानक खबर से वे सदमे में हैं और शादी समारोह में खलल डाले बिना स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं। परिवार के सदस्यों के अनुसार, गुरविंदर कुछ दिन पहले ही अमेरिका के लिए रवाना हुआ था। उसने तीन महीने वहां रहने के बाद ट्रैवल एजेंटों के एक नेटवर्क को 45 लाख रुपए का भुगतान किया था। पिता दारी सिंह ने अपने बेटे के विदेश में बसने के सपने को पूरा करने के लिए इस रकम का एक बड़ा हिस्सा ब्याज पर लिया था। गुरविंदर का भाई पहले से ही कनाडा में बसा हुआ है और वह भी विदेश जाने का इच्छुक था, जिसके चलते उसने कई ट्रैवल एजेंटों से संपर्क किया। परिवार को शनिवार को पता चला कि गुरविंदर को अवैध रूप से देश में प्रवेश करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों ने हिरासत में लिया था।
उन्हें यकीन नहीं है कि उसने अमेरिका पहुंचने के लिए कुख्यात ‘डंकी रूट’ का इस्तेमाल किया था या नहीं। उन्होंने ट्रैवल एजेंटों पर निराशा व्यक्त की है, जिन्होंने मोटी रकम ली, लेकिन सुरक्षित और कानूनी मार्ग सुनिश्चित करने में विफल रहे। उन्होंने उन एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने गुरविंदर की गैरकानूनी यात्रा में मदद की। अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरने पर अधिकारियों को दिए गए बयान के अनुसार, गुरविंदर ने बठिंडा, दिल्ली और दुबई में स्थित तीन अलग-अलग एजेंटों को 45 लाख रुपए का भुगतान किया था। उनकी यात्रा पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुई थी, जब वे पहली बार गुयाना पहुंचे थे।