कपूरथलाः बस अड्डा रोड पर 7 अक्टूबर को MIC शोरूम पर हुई फायरिंग के मामले को पुलिस ने सुलझाने का दावा करते हुए एक फिरौती मांगने वाले नॉर्थ इंडिया में एक्टिव गैंग का पर्दाफाश करने का दावा किया है। एसएसपी कपूरथला वत्सला गुप्ता ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि शोरूम मालिकों द्वारा सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट को देखकर कौशल चौधरी ग्रुप से जुड़े जो गैंगस्टरों ने फायरिंग की थी। फायरिंग से एक दिन पहले शूटरों ने कपूरथला पहुंचकर शोरुम से डाटा केबल खरीदने के बहाने रैकी भी की। एसएसपी ने बताया कि वारदात के बाद से ही पुलिस शूटरों की तलाश में जुटी थी। हरियाणा के पलवल से शूटरों को गिरफ्तार किया गया।
पकड़े गए शूटरों की पहचान कौशल चौधरी गैंग के मनीष उर्फ मनी और ललित कुमार उर्फ ललिती निवासी पलवल, हरियाणा रुप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो देसी पिस्टल और सात कारतूस बरामद किए हैं। थाना सिटी में कौशल चौधरी, सौरव गंडोली, पवन उर्फ सोनू जाट, राहुल और तीन अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस रंगदारी की रकम संभालने के आरोप में पवन की मां को पहले से गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। इस मामले में दिल्ली का गैंगस्टर पवन उर्फ सोनू जाट ही इन दोनों शूटर को आपरेट कर रहा था। एसएसपी वत्सला गुप्ता ने बताया कि इन लोगों ने पूरी प्लानिंग के साथ घटना को अंजाम दिया। पहले गोलियां चलाकर दहशत फैलाई, फिर दो दिन बाद फोन करके पांच करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी।
इस बाबत एसपी-डी सरबजीत राय की अगुवाई में एक टीम गठित की गई थी। पुलिस टीम लगातार आरोपियों की तलाश कर रही थी। एसएसपी ने माना कि पुलिस के पास केस के संबंध में कोई लीड नहीं थी। फिर भी सीआईए, टेक्निकल सेल लगातार मामले को ट्रेस करने में जुटे रहे। दोनों शूटर 5 अक्टूबर को जालंधर रेलवे स्टेशन के पास एक होटल में फर्जी दस्तावेजों पर ठहरे थे और दो दिन एमआईसी शोरुम की रेकी की। फिर शोरूम से मोबाइल की केबल भी खरीदी, जिससे अंदर कितना स्टाफ है, किसी के पास कोई वेपन वगैरह तो नहीं। 7 अक्टूबर को फायरिंग करके पांच करोड़ की पर्ची फेंक गए।