जालंधर, ENS: पीएपी ग्राउंड में आज पुलिस शहीदी दिवस मनाया गया । इस अवसर पर मुख्य मेहमान के तौर पर डीजीपी पंजाब गौरव यादव पहुंचे । जहां उन्होंने शहीद परिवारों को सम्मानित किया। डीजीपी गौरव यादव ने शहीद हुए पुलिस जवानों श्रद्धा के फूल भेंट किए।
इस दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए डीजीपी ने कहा कि आज के दिन अधिकारियों की शहीद हुए जवानों के परिवारों के साथ मीटिंग होती है। उन्होंने कहा कि हमने कुछ दिन पहले एक स्टेट लैवल क्राइम मीटिंग की थी। इस दौरान ऑफिसर से फीडबैक लेकर दो एरिया आईडेंटिफाई किए थे, जिसमें हमें फोकस करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि इसमें एक स्ट्रेट क्राइम दूसरा सेल ऑफ़ ड्रग्स शामिल है। जिसमें पुराने क्रिमिनल्स का डाटा इकट्ठा किया जा रहा हैं। इसी के साथ पीसीआर टीमों को भी अलर्ट किया जा रहा है। वहीं हर इलाके के प्वाइंट्स को मार्क किया जा रहा है। इससे क्राइम को काबू करने में काफी मदद मिलेगी।
डीजीपी ने कहा कि इसी तरह नशे पर काबू पाने के लिए भी उनकी विशेष टीम में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि नशे पर काबू पाने के लिए पुलिस ने एक स्ट्रेटजी बनाई है। इसमें लोगों की मदद से नशा तस्करों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस इलाके में नशा ज्यादा बिकने की सूचना सामने आ रही है वहां पर जाकर लोगों से मुलाकात की जाती है। जिसके बाद लोगों की मदद से तस्करों को पकड़ कर जेल भेजने की योजना बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि पुलिस को लोगों के बीच जा रही है और उनसे समस्याओं को लेकर बात कर रही है। बड़े क्राइम को रोकने के लिए जो गैंग्स्टर्स है उनके साथी इंटरेस्ट होते हैं। ऐसे लिंक के जरिए इन गैंगस्टरों के साथियों पर काबू पाया जा सकता है। अगर किसी को भी रंगदारी को लेकर फोन आता है तो एफआईआर दर्ज की जा रही है।
डीजीपी ने कहा कि फिरौती की मांग में कार्रवाई के बाद सामने आता है कि 20 फीसदी कॉल ही गैंगस्टर की तरफ से आती है, बाकी कॉल तो लॉकल बदमाश ही करते हैं। वही अकाल तख्त साहब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सुरक्षा को लेकर डीजीपी ने कहा कि वह उनकी बहुत इज्जत करते हैं। कुछ दिन पहले ही उनकी सिक्योरिटी का रिव्यू किया गया है। फिलहाल उनके पास पूरी सिक्योरिटी है।