जालंधर, ENS: कनाडा और भारत में आई तकरार को लेकर पंजाबी स्टूडेंट्स का कनाडा जाने को लेकर रूझान कम होने लगे है। दरअसल, कनाडा में लगातार नियमों में हो रहे बदलाव को लेकर पंजाबियों की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई है। इसके चलते कनाडा में गए बच्चों को नौकरी की तालाश में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसको लेकर विदेश जाने वाले स्टूडेंट्स अब अन्य देशों में जाने की ओर मन बना रहे है। मामले की जानकारी देते हुए बबनप्रीत कौर ने बताया कि कनाडा सरकार द्वारा स्टडी वीजा में किए गए बदलाव को लेकर स्टूडेंट्स काफी परेशान हो रहे है। बबनप्रीत कौर ने कहा कि स्टडी वीजा पर गए स्टूडेंट्स कुछ देर बाद अपने परिजनों को वहां पर बुला लेते है, जिसके चलते कनाडा में पंजाबियों की संख्या में बढ़ौतरी हो गई है। बबनप्रीत कौर ने कहा कि ऐसे में नौकरी सहित अन्य सुविधाओं को लेकर अब पंजाबियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि स्टडी वीजा में कनाडा सरकार द्वारा किए गए बदलाव को लेकर उन्हें लगता है कि स्टूडेंट्स में कनाडा जाने का रूझान कम होगा।
वहीं मामले की जानकारी देते हुए अनुरूप ने कहा कि पहले पंजाबी स्टूडेंट्स कनाडा जा रहे थे। वहीं कनाडा सरकार द्वारा नियमों में बदलाव होने के चलते स्टूडेंट्स अब यूके, ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों में जाना पसंद कर रहे है। अनुरूप ने कहा कि कनाडा में स्टूडेंट्स को नौकरी की तालाश में काफी परेशानी हो रही है। ऐसे में पेरेंट्स लाखों रुपए लगाकर बच्चों को विदेश भेज रहे है, लेकिन काफी समय तक वहां पर स्टूडेंट्स को नौकरी नहीं मिलती। अनुरूप ने बताया कि उनकी सहेली अपने पति के साथ स्पाउस वीजा के जरिए कनाडा गई, जहां उसके पति को 7 माह तक नौकरी की तालाश करनी पड़ी, ऐसे में 7 महीने बिना नौकरी के उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। अनुरूप ने कहा कि अन्य देशों के मुकाबले कनाडा में सर्वाइव करना काफी मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि पहले ही लोग जमीने बेचकर कनाडा जा रहे थे और जीआईसी में बढ़ौतरी होने के बाद वह इससे ज्यादा पैसे कहां से दिखा पाए।
वहीं विदेश जाने वाले स्टूडेंट प्रभ ने कहा कि वह पहले कनाडा जाना चाहता था, लेकिन कनाडा सरकार द्वारा नियमों में हुए बदलाव के बाद उसने यूएसए जाने का मन बनाया है। स्टूडेंट ने कहा कि उसने कई देशों के बारे में सर्च किया, जिसके बाद उसने यूएसए जाने का फैसला किया। स्टूडेंट ने कहा कि कनाडा में 18 से 20 लाख रुपए लगाकर स्टूडेंट कनाडा जा रहे है, लेकिन उसके बावजूद वहां पर उन्हें नौकरी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। स्टूडेंट ने कहा कि वहां पर नियमों में बदलाव को लेकर आज ज्यादा मात्रा में स्टूडेंट्स का कनाडा जाने का रूझान कम हो गया है।
वहीं एक्सपर्ट हरविंदर पाल सिंह का कहना है कि कनाडा में हुए नियमों में बदलाव को लेकर कहा कि स्टूडेंट्स को कनाडा जाने के लिए डाक्यूमेंट काफी कम मात्रा में लगाने पड़ते है, वहीं कनाडा में वीजा लगाने को लेकर उन्होंने कहा कि डाक्यूमेंट में स्टूडेंट्स को कम मात्रा में डाक्यूमेंट्स, कॉलेज की लेटर और जीआईसी की जरूरत होती थी। हरविंदर सिंह ने कहा कि जीआईसी में स्टूडेंट्स के वहां पर रहने के लिए होने वाले एक साल के खर्चे का ब्यौरा होता था। इसके अलावा अन्य दस्तावेज नहीं लगते थे। लेकिन अब नियमों में हुए बदलाव के चलते स्टूडेंट्स के एडिशनल डाक्यूमेंट लगाने होंगे।
उन्होंने कहा कि पहले स्टूडेंट्स खुद दस्तावेज लगा लेते थे, लेकिन अब बदलाव होने के चलते स्टूडेंट्स को एक्सपर्ट की सलाह लेनी होगी और खुद रिसर्च करनी होगी। उन्होंने कहा कि कनाडा में कुछ बंद नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कनाडा का एक साल में 5 लाख लोगों को वीजा देने का टीचा था, जोकि अभी भी 2025 तक 4 लाख 37 हजार एप्लिकेशन को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि कनाडा ने कुछ बदलाव जरूर किए है। उन्होंने कहा कि कनाडा में चुनावों तक कुछ बदलाव सामने आएंगे, लेकिन कनाडा में चुनाव खत्म होने के बाद सब कुछ नार्मल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आज तक कनाडा में अधिकतर लोगों को पीआर मिली है। उन्होंने कहा कि कनाडा वह देश है जिससे पंजाबियों को स्टैंड होने के लिए जगह दी है।