नई दिल्लीः पंजाब के एसएएस नगर सीट से आप विधायक कुलवंत सिंह की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल, नवंबर 2023 में मोहाली से आप विधायक कुलवंत सिंह के घर और दफ्तर पर सुबह करीब 8 बजे एक साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने दबिश दी थी। वहीं अब उनकी रियल एस्टेट कंपनी के खिलाफ गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-2 थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। कोर्ट के आदेश पर साजिश के तहत फर्जी दस्तावेज तैयार कर ठगी की धाराओं में ये एफआईआर दर्ज हुई है।
मामले में बिल्डर कंपनी एमजीएफ की ओर से आरोप लगाए गए हैं कि कुलवंत सिंह और उनकी कंपनी जनता लैंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी और एमजीएफ की जमीन पर प्रोजेक्ट डिवेलप किया। एग्रीमेंट के तहत प्रोजेक्ट बेचकर एमजीएफ को लगभग 180 करोड़ रुपये मिलने थे। लेकिन कुलवंत सिंह और उनकी कंपनी ने लगभग 24 करोड़ 10 लाख रुपये ही अदा किए हैं और जनवरी 2021 से कोई पेमेंट नहीं की। लगभग 156 करोड़ रुपये की पेमेंट नहीं की जा रही। एमजीएफ की ओर से कोर्ट में याचिका दायर कर दलील दी गई कि जेएलपीपीएल कंपनी के साथ 31 अक्टूबर 2018 को नया एग्रीमेंट साइन किया गया। एम्मार-एमजीएफ के अलग होने के बाद ये एग्रीमेंट साइन हुआ।
इसके तहत पंजाब मोहाली के सेक्टर-94 में कुल 117.908 एकड़ जमीन में से एमजीएफ की 58.77 एकड़ और जेएलपीपीएल की 59.138 एकड़ जमीन थी। ये जमीन डिवेलप करने की जिम्मेदारी जेएलपीपीएल को दी गई और डिवेलप होने के बाद एमजीएफ के हिस्से में कुल 82009 वर्ग गज रेजिडेंशियल, 7023 वर्ग गज कमर्शियल एरिया आना था। इस डिवेलप एरिया को बेचने के लिए भी जेएलपीपीएल को अधिकृत कर दिया गया। दिसंबर 2018 से अलग-अलग किश्त पेमेंट के लिए तय की गई और कुल 180 करोड़ 41 लाख 98 हजार रुपये एमजीएफ को जेएलपीपीएल की ओर से देने तय हुए।
कंपनी का कहना है कि एम्मार-एमजीएफ के अलग होने से पहले 21 मई 2013 को जो एग्रीमेंट जेएलपीपीएल के साथ हुआ था, उसमें इनकी 60.89 एकड़ जमीन थी लेकिन 2018 में हुए एग्रीमेंट में एमजीएफ की 51.96 एकड़ जमीन लिखी गई और दस्तावेजों में ये फर्जीवाड़ा किया गया। तय प्लॉन के तहत कंपनी ने सिर्फ 24 करोड़ 10 लाख रुपये की पेमेंट की और जनवरी 2021 के बाद कोई पेमेंट नहीं की। जबकि एग्रीमेंट के अनुसार इन्हें 180 करोड़ रपुये का भुगतान करना था। ऐसे में कंपनी ने एग्रीमेंट के अनुसार पेमेंट न करना और लगभग 9 एकड़ जमीन फर्जी तरीके से हड़पने के चलते करोड़ों के नुकसान का आरोप लगाया है। मामले में अब डीएलएफ फेज-2 थाना में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। साथ ही केस की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी गई है।