बुढलाडा। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने प्रदेश के शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर बड़ा बयान दिया है। सीएम मान ने ये बात बुढलाडा में सब-डिविजनल अस्पताल का निरीक्षण करने के दौरान कही है। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इसके बाद कहा कि दौरे का उद्देश्य कमियां निकालना नहीं, बल्कि सरकारी अस्पतालों की सुविधाओं को और बेहतर बनाना है। राज्य के लोगों ने पहली बार देखा है कि राज्य का कोई मुख्यमंत्री सरकारी कार्यालयों और अस्पतालों का दौरा कर रहा है। इसका उद्देश्य केवल यह सुनिश्चित करना है कि राज्य की जनता को हर प्रकार की नागरिक-केन्द्रित सेवाएं प्रदान की जाएं।
पिछले दो वर्षों में स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में व्यापक बदलाव हुए हैं। राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सुधार हुआ है और सरकारी अस्पतालों में आधुनिक मशीनें व उपकरण लगाए गए हैं। राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में दवाएं मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने समाज के हर वर्ग की भलाई सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। सरकारी खजाने का हर एक पैसा राज्य की प्रगति और जनता की समृद्धि के लिए समझदारी से खर्च किया जा रहा है। राज्य हर क्षेत्र में बेमिसाल विकास और तरक्की के नए युग का साक्षी है और कहा कि पिछले दो वर्षों से अधिक समय में नए युग की शुरुआत हुई है।
एसएएस नगर (मोहाली), कपूरथला, संगरूर, होशियारपुर और मालेरकोटला में नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन कॉलेजों और अस्पतालों का उद्देश्य पंजाब को देशभर में मेडिकल शिक्षा का केंद्र बनाना है, जिससे राज्य के निवासियों को भी लाभ होगा। मान ने उम्मीद जताई कि मेडिकल शिक्षा की पढ़ाई करने की इच्छुक विद्यार्थियों को इन मेडिकल कालेजों में बुनियादी शिक्षा प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब में मेडिकल स्टाफ, खासकर डॉक्टरों, नर्सों और सफाई कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य के निवासियों को इन संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी और हर संभव प्रयास किया जाएगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें बुढलाडा के प्रसिद्ध आईटीआई की खराब स्थिति के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ है और उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर इस संस्थान के पुनरुत्थान के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाए। संस्थान में छात्रों और युवाओं को विश्वस्तरीय पाठ्यक्रम प्रदान किए जाएं ताकि उन्हें स्वरोजगार के अवसर मिल सकें। इससे राज्य में औद्योगिक घरानों की जरूरतों के अनुसार कुशल कर्मियों का एक पूल तैयार करने में मदद मिलेगी।