नई दिल्लीः अंतरिक्ष में अक्सर अद्भुत खगोलीय घटनाएं देखने को मिलती रहती हैं परन्तु ये घटनाएं बहुत ही रेयर होती हैं जो कई सालों में सिर्फ एक पल के लिए ही देखी जा सकती हैं। वहीं आज का दिन खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए बेहद खास होने वाला है क्योंकि आज आकाश में 6 ग्रह एक लाइन में नजर आएंगे।
वैज्ञानिकों ने होने वाली इस खगोलीय घटना को दुर्लभ ग्रह संयोग बताया है, जिसे ग्रहों की परेड भी कहा जा सकता है। जनवरी-फरवरी के दौरान आसमान में आप इन ग्रहों को रात्रि में नंगी आंखों से देख सकते हैं। एक समय में कुछ ग्रहों का एक ही लाइन में होना असामान्य बात नहीं है, लेकिन जब सभी ग्रह एक सीध में आएंगे तो यह घटना जरूर दुर्लभ है। इस अद्भुत खगोलीय घटना को प्लैनेटरी अलाइनमेंट कहा जाता है।
ऐसा होता है प्लैनेटरी अलाइनमेंट
दरअसल, जब पृथ्वी समेत दूसरे ग्रह सूर्य के एक तरफ आ जाते हैं, तो आसमान में वह एक सीधी रेखा में दिखाई देते हैं। इसे ग्रहों का संरेखण यानी प्लैनेटरी अलाइनमेंट कहा जाता है। 21 जनवरी 2025 से सात में से 6 ग्रह एक लाइन में आसमान में दिखेंगे। इस खगोलीय घटना को ही ग्रहों की परेड कहा जाता है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह खगोलीय घटना हर 396 बिलियन साल में घटती है। शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, नेपच्यून और यूरेनस को एक साथ एक सीधी रेखा में देखा जा सकता है। नासा का कहना है कि शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि को बगैर किसी उपकरण के देख सकते हैं, जबकि नेपच्यून और यूरेनस को दूरबीन से देखा जा सकता है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, 28 फरवरी तक 6 ग्रह अंतरिक्ष में एक सीध में आ जाएंगे, लेकिन इसके बाद सात ग्रह यानी शनि, बुध, नेपच्यून, शुक्र, यूरेनस, बृहस्पति और मंगल आसमान में एक साथ दिखाई देंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक दुर्लभ ग्रह संयोग है। फिर ग्रहों की इस परेड को एक बार फिर 8 मार्च को देखा जा सकता है।
इस दौरान बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, नेपच्यून, यूरेनस और शनि एक साथ दिखेंगे। भारत में इस खगोलीय घटना को 21 जनवरी की रात 8.30 बजे देखा जा सकता है। मार्च में ग्रहों को एक सीध में देखने का सबसे अच्छा समय भी सूर्यास्त के बाद होगा।
खगौल विद् सारिका घारू ने बताया कि पूर्वी आकाश में जहां मंगल (मार्स) होगा तो सिर के लगभग ऊपर बृहस्पति (जुपिटर) और यूरेनस होंगे। वहीं पश्चिमी आकाश में नेप्च्यून, शुक्र (वीनस) और शनि (सेटर्न) होंगें। ग्रहों की कतार के नजारे में आप नंगी आंखों से मंगल, बृहस्पति, शुक्र और शनि को तो देख पाएंगे। यूरेनस और नेप्च्यून को देखने के लिए टेलिस्कोप की मदद लेनी होगी।
सारिका ने बताया कि सौरमंडल के पहले ग्रह बुध की इस समय कमी रहेगी। इस कमी को आने वाले फरवरी माह में पूरी कर पाएंगे, जब आप सभी ग्रहों को एक साथ देख सकेंगे और अगर आप सौर परिवार के तीसरे ग्रह को देखना चाहते हैं तो उसे देखने के लिए ऊपर नहीं आपके कदमों में देखना होगा, और वह है आपका अपना पृथ्वी ग्रह।