नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर एक्शन लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को एक बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने अपने कहा है कि किसी भी जज या सरकारी अधिकारी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले ईडी को सरकार से अनुमति लेना जरूरी है। यह फैसला तब किया गया जब ईडी अक्सर भ्रष्टाचार के मामलों में बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रहा है।
यह पूरा मामला तेलंगाना के एक आईएएस अधिकारी से जुड़ा है। ईडी ने अधिकारी के खिलाफ भूमि आवंटन का आरोप लगाते हुए अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी। लेकिन, हाई कोर्ट ने ईडी की इस कार्रवाई को रद्द करते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाई के लिए सरकार की पूर्व अनुमति लेना जरूरी है।
ईडी इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा ओर कहा कि क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की धारा 197 के तहत किसी भी सरकारी अधिकारी या जज के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार की पूर्व अनुमति लेना जरूरी है। यह नियम मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में भी लागू होता है।