सरकार ने बुलाई आपातकालीन बैठक
नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना नदी में अक्टूबर महीने में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया। एक बार फिर से यमुना में चारों तरफ सफेद झाग दिखाई देने लगा है। इसकी वीडियो भी सामने आई है। जिसमें देखा जा सकता है कि नदी में भारी मात्रा में सफेद झाग बनी हुई है। बताया जा रहा है कि नदी में मल का अब तक का सबसे ज्यादा स्तर है। बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि यमुना नदी में सफेद झाग दिखाई दे रही हो। इससे पहले लगातार 2 से 3 सालों से प्रदूषण स्तर बढ़ने के दौरान सफेद झाग दिखाई दे चुकी है। हालांकि इस बार पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के प्रशासन द्वारा आदेश भी जारी कर दिए गए है। वहीं 7 अक्टूबर 2024 को जारी हुई DPCC की रिपोर्ट के अनुसार, नदी में मल का अब तक का सबसे ज्यादा स्तर है।
हालांकि, अगस्त में हुई अच्छी बारिश की वजह से नदी में ऑक्सीजन का स्तर थोड़ा बढ़ा है, लेकिन नदी में फेकल कोलीफॉर्म का स्तर भी काफी बढ़ गया है। बता दें कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने सितंबर महीने में यमुना नदी के पानी की जांच की। 4 सितंबर को लिए गए नमूनों के आधार पर यह रिपोर्ट 4 अक्टूबर को जारी की गई। इस रिपोर्ट के अनुसार, नदी में फेकल कोलीफॉर्म का स्तर 49,00,000 MPN/100 ml तक पहुंच गया है। यह स्तर मानक स्तर 2,500 यूनिट से 1,959 गुना ज्यादा है। यह फरवरी 2022 के बाद से नदी में मल का सबसे खराब स्तर है। फरवरी 2022 में आगरा नहर (शहर में नदी के किनारे के स्टेशनों में से एक) पर फेकल का स्तर 63,00,000 यूनिट तक पहुंच गया था।
फेकल कोलीफॉर्म, पानी में मल की मौजूदगी को दर्शाता है। यह पानी के प्रदूषण का एक महत्वपूर्ण सूचक है। रिपोर्ट के अनुसार, यमुना नदी में फेकल कोलीफॉर्म का स्तर बहुत ज़्यादा है। इसका मतलब है कि नदी में बहुत ज़्यादा मात्रा में गंदा पानी मिल रहा है। अच्छी बारिश की वजह से नदी में पानी का बहाव अच्छा रहा। इससे पानी में घुली हुई ऑक्सीजन (DO) का स्तर बढ़ा है। DO पानी में जीवन की उपस्थिति को दर्शाता है। मानकों के अनुसार, BOD 5 mg/l से अधिक नहीं होना चाहिए, और DO 5 mg/l से कम नहीं होना चाहिए। 5 mg/l बाहरी स्नान के लिए मानक है। BOD पानी की खुद को साफ़ करने की क्षमता को दर्शाता है। यह पानी में मौजूद कार्बनिक पदार्थों के उपचार के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा है।
नदी के चारों ओर बनीं सफेद झाग, देखें वीडियो