नई दिल्ली : सुहागिन महिलाओं का महापर्व करवा चौथ 20 अक्टूबर, रविवार को मनाया जा रहा है। इस व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य के लिए सुबह से ही निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ की पूजा शाम के समय चांद निकलने से पहले की जाती है।
इस पूजा के समय महिलाएं एक जगह एकत्रित होकर फेरी की रस्म भी निभाती हैं। इस रस्म के दौरान महिलाएं घेरा बनाकर बैठती हैं और एक-दूसरे से करवा चौथ की थाली बदलती हैं। तो वहीं इस समय करवा चौथ की कथा भी सुनी जाती है। कई महिलाएं करवा चौथ की पूजा घर पर अकेले ही करती हैं। वो शुभ मुहूर्त में शिव-पार्वती, कार्तिकेय जी, भगवान गणेश और माता करवा की पूजा करती हैं और फिर व्रत कथा पढ़ती हैं।
करवा चौथ पूजा सामग्री
करवा माता की तस्वीर, छलनी, कलश भर जल, करवाचौथ व्रत की कथा, हल्दी, कुमकुम, रोली, चन्दन, फूल, चावल, मिठाई, अक्षत, पान, दही, देसी घी, मिट्टी का करवा (कलश), कच्चा दूध, शहद, मौली, शक्कर, नारियल।
करवा चौथ की थाली
तांबे का लोटा, फल-फूल, सींक, करवा, छलनी, आटे का दीया, जल, मिठाई, रोली, सुहाग से जुड़ा सामान, करवा माता की फोटो, चंदन, कुमकुम, अक्षत, सिंदूर होता है।
करवा चौथ 2024 पूजा मुहूर्त
करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:46 से 07:02 तक रहेगा। जबकि व्रत का समय 06:25 AM से 07:54 PM तक रहेगा।
करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय
वैदिक पंचांग की गणना के मुताबिक 20 अक्तूबर को करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय शाम 07 बजकर 53 मिनट पर होगा। देशभर के अलग-अलग शहरों में चांद के निकलने के समय में कुछ बदलाव हो सकता है।