जम्मूः जम्मू कश्मीर विधानसभा में सदन की कार्यकवाही के दौरान बुधवर को धारा 370 के मसले पर फिर हंगामा मच गया। इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा वापस देने की मांग वाला प्रस्ताव सदन में पेश करने पर जोर दिया, जिसका बीजेपी के विधायकों ने विरोध किया था। इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच में जोरदार बहस हुई। नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों के रुख से नाराज बीजेपी विधायकों ने प्रस्ताव की प्रतियां सदन में फाड़ कर हवा में फेंक दी।
दूसरी तरफ एनसी, पीडीपी और कांग्रेस अवामी इत्तेहाद पार्टी पीपल्स कांफ्रेंस के विधायक बिल के समर्थन में हैं।दरअसल, जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार (4 नवंबर 2024) को पीडीपी विधायक वहीद पारा ने धारा 370 को समाप्त करने के खिलाफ एक प्रस्ताव सदन में पेश किया था। विधायक वहीद पारा ने यह प्रस्ताव नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और सात बार के विधायक अब्दुल रहीम राथर को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की विधानसभा का पहला अध्यक्ष चुने जाने के तुरंत बाद यह प्रस्ताव पेश किया था।
डिप्टी सीएम सुरिंदर कुमार चौधरी ने इसके समाधान की मांग की थी, एलओपी सुनील शर्मा ने इस पर आपत्ति जताई। सदन में भारी हंगामे के बीच जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पारित हो गया। इस दौरान बीजेपी ने सदन में जोरदार हंगामा किया। जिसके बाद सदन 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। लेकिन बीजेपी सदस्यों का वेल में धरना जारी रहा। पीडीपी विधायक ने अपने प्रस्ताव में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा फिर से बहाल करने की मांग है। इस बात को लेकर कल भी हंगामा हुआ था। बीजेपी के विधायकों ने इस पर सख्त आपत्ति जताई थी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि इस प्रस्ताव की आज कोई अहमियत नहीं है। सिर्फ प्रचार पाने के लिए ये प्रस्ताव लाया गया है। सीएम उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, ”हकीकत है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने 5 अगस्त 2019 के फैसलों पर अपना मुहर नहीं लगाया है। यदि लगाया होता तो नतीजे अलग होते। आज जो प्रस्ताव लाया गया है, उसकी अहमियत नहीं है। कैमरों को दिखाने के अलावा इसका और कोई मकसद नहीं हो सकता।”