नई दिल्लीः केंद्रिय मंत्री निर्मला सीतारमण को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, बेंगलुरु की एक अदालत ने केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ जबरन वसूली के आरोप में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। बेंगलुरु में जनप्रतिनिधियों की विशेष अदालत ने इस एफआईआर को दर्ज करने का आदेश दिया है।
यह आदेश चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली के आरोपों के संबंध में आया है। जनाधिकार संघर्ष संगठन के आदर्श अय्यर ने निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ एक निजी शिकायत (पीसीआर) दर्ज कराई थी। पीसीआर में आरोप लगाया गया था कि चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली की गई थी। यह आदेश 42वीं एसीएमएम कोर्ट ने जारी किया है। तिलक नगर पुलिस अब निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी।
इस मामले में अब कांग्रेस ने भाजपा पर हमलावर रुख अपना रखा है। उधर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस्तीफे की मांग की। सिद्दरमैया ने कर्नाटक बीजेपी पर निशाना साधा और सवाल किया कि वे कथित “घोटाले” के सिलसिले में सीतारमण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कब शुरू करेंगे और उनसे इस्तीफा मांगेंगे।
सिद्दरमैया ने आगे कहा कि अगर मामले की निष्पक्ष जांच की जाती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफे के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता एचडी कुमारस्वामी के इस्तीफे की भी मांग की जानी चाहिए।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी का इस पर रिएक्शन आया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मेरा और निर्मला सीतारमण का इस्तीफा मांग रहे हैं, लेकिन क्या चुनावी बांड का पैसा उनके व्यक्तिगत खाते में गया? उन्हें क्यों इस्तीफा देना चाहिए और मुझे क्यों इस्तीफा देना चाहिए ये बताया जाए।
गौरतलब है कि केंद्र ने 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना शुरू की थी और इसका उद्देश्य राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद दान की जगह लेना था, ताकि राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता में सुधार हो सके। चुनावी बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को फंड दिया जाता था, लेकिन इसका खुलासा नहीं किया जाता था। हालांकि बाद में विपक्ष के आरोपों और दायर याचिका के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था।