नई दिल्ली: मानसिक तौर पर कमजोर एक युवती के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है। एएटीएस की टीम ने इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तीनों को करीब 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरे और 150 से अधिक ऑटो रिक्शा की जांच के बाद पकड़ा गया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कोटला मुबारकपुर निवासी प्रभू महतो, नरेला निवासी प्रमोद उर्फ बाबू और गांधी नगर निवासी मोहम्द शमसुल के तौर पर हुई है। शमसुल खुद विकलांग भी है। पीड़ित युवती का एम्स में इलाज चल रहा है।
जांच दौरान पता चला कि युवती पुरी की रहने वाली है। वह सामाजिक क्षेत्र में 8 सालों तक शोधकर्ता रह चुकी है। भुवनेश्वर से एक यूनिवर्सिटी से सामाजिक कार्य में मास्टर कर चुकी है। एचआईवी/एड्स के अलावा स्वच्छता जागरूकता से भी जुटी हुई थी। लेकिन 9 मई 2024 को परिवार वालों को बिना बताए दिल्ली चली आई थी। उनके माता पिता ने उनकी गुमशुदगी का मामला भी दर्ज कराया था। दिल्ली में वह एक अपनी परिचित के घर रह रही थी। इस दौरान उनका व्यवहार असामान्य हो गया।
पुलिस ने उनके परिजनों से भी संपर्क किया। लेकिन वह वापस नहीं गईं। उसके बाद से वह बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज जैसे सार्वजनिक स्थानों पर रहने लगीं। परिवार से भी संपर्क तोड़ दिया था। उनकी देखभाल के लिए एक नर्स को लगाया गया। तब पता चला कि उनके साथ एक विकलांग शख्स, ऑटो चालक और एक अन्य शख्स ने रेप किया था जिसके बाद ऑटो चालक प्रभु महतो को गिरफ्तार किया गया। फिर प्रमोद बाबू और शमसुल को गिरफ्तार किया गया।
वारदात वाली रात प्रमोद ने शराब पी थी। नशे में उसकी नजर युवती पर पड़ी। कुछ ही देर बाद एक अन्य आरोपी शमशुल जो एक भिखारी, शराब का आदी और शारीरिक रूप से विकलांग है, घटनास्थल पर पहुंचा। फिर दोनों आरोपियों ने लड़की के साथ रेप किया। तभी ऑटो चालक प्रभु महतो ने इस घटना को देखा तो ऑटो वाले ने भी पीड़िता को ऑटो में बैठाकर रेप किया और युवती को सराय काले खां में फेंक कर फरार हो गया।