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भारत के ये इलाके Risk zone में
नई दिल्लीः इस समय पृथ्वी पर एक खतरा मंडरा रहा है। जो लोगों सहित वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। 100 मीटर चौड़ा एस्टेरॉयड जो बड़ी ही तेजी के साथ पृथ्वी और बढ़ रहा है। जिसका 22 दिसंबर 2032 को पृथ्वी से टकराने की आशंका है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक 2024 YRA नाम के एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने के 3.1% चांस हैं।
नासा ने उन क्षेत्रों की भी पहचान की है, जो एस्टेरॉयड के टकराने पर प्रभावित हो सकते हैं। इनमें पूर्वी प्रशांत, उत्तरी दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक, अफ्रीका के कुछ हिस्से, अरब सागर और दक्षिण एशिया शामिल हैं। मुंबई, कोलकाता, ढाका, बोगोटा और लागोस जैसे शहर इसके रिस्क जोन में आते हैं। वैसे, एडिनबरा यूनिवर्सिटी में प्लेनेटरी साइंस के प्रोफेसर कॉलिन स्नोडग्रास कहना कि एस्टेरॉयड के बिना कोई नुकसान पहुंचाए गुजर जाने की संभावना ज्यादा है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।
एस्टेरॉयड का खतरा बताने वाली ‘टोरिनो इम्पैक्ट हैजर्ड स्केल’ पर इसे तीन का दर्जा दिया गया है, जो नजदीकी टक्कर दर्शाता है। टोरिनो स्केल शून्य से लेकर 10 तक होती है। शून्य का मतलब है कि टक्कर का कोई रिस्क नहीं है, जबकि 10 का आंकड़ा निश्चित टकराव की तरफ इशारा करता है। उच्च रेटिंग प्राप्त करने वाला एकमात्र एस्टेरॉयड अपोफिस है, जिसने 2004 में सुर्खियां बटोरी थीं। अपोफिस को शुरू में टोरिनो स्केल पर चार का दर्जा दिया गया था, लेकिन बाद में इसे घटा दिया गया क्योंकि इससे कम से कम एक सदी तक कोई खतरा नहीं है।