मोहालीः पंजाब के मोहाली की जिला अदालत ने पिछले साल राज्य अपराध शाखा द्वारा दर्ज जालसाजी मामले में बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह संधू द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया। गुरशेर सिंह संधू ने अपने वकील मतविंदर सिंह के माध्यम से अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) बलजिंदर सिंह सरा की अदालत में अपनी अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर आज फैसला सुनाते हुए अदालत ने संधू की जमानत याचिका को रद्द कर दिया है। संधू के वकील ने अदालत में दलील दी की संधू पर गलत एफआईआर दर्ज की गई है।
उसके साथ 7 अधिकारी भी दोषी पाए गए थे लेकिन अकेले उस पर मामला दर्ज किया गया है जबकि बाकी अधिकारियों को निलंबित किया गया है। अदालत ने दलील सुनने के बाद कहा कि मामला बेहद गंभीर है और पुलिस को आगे की पूछताछ के लिए उसकी हिरासत की जरूरत है ऐसे में उसे जमानत देना ठीक नहीं है। अदालत ने उसकी जमानत याचिका को रद्द कर दिया। बता दें कि मामला दर्ज होने के बाद से गुरशेर सिंह संधू फरार है। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि गुरशेर संधू एक आईपीएस अधिकारी के आधिकारिक आवास पर सुरक्षित रूप से रह रहा है।
वह उसी अधिकारी के अधीन काम भी कर चुका है और उसका चहेता भी माना जाता था। बर्खास्त डीएसपी ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका मुख्य रूप से इस आधार पर दायर की थी कि मोहाली के स्टेट क्राइम पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर गलत थी। बलजिंदर सिंह उर्फ टाहला की शिकायत की जांच मोहाली के तत्कालीन एसएसपी संदीप गर्ग ने की थी, जिन्होंने शिकायत को झूठा पाया था। हालांकि एफआईआर रोपड़ के एसपी द्वारा की गई जांच के आधार पर दर्ज की गई थी, जो एसएसपी गर्ग से जूनियर हैं। अर्जी में दूसरी दलील यह दी गई थी कि लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू को लेकर उठे विवाद में उसे बलि का बकरा बनाया गया है।
स्पेशल डीजीपी प्रबोध कुमार द्वारा की गई जांच में कुल सात पुलिस अधिकारी दोषी पाए गए थे। इन सभी को निलंबित कर दिया गया, लेकिन केवल उन्हें सुनवाई का मौका दिए बिना बर्खास्त कर दिया गया। इससे पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर रद्द करने की मांग वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी। बताया जा रहा है कि विजिलेंस ब्यूरो (वीबी) उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में एक और एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया में है। विजिलेंस ब्यूरो को बताया गया है कि गुरशेर अपनी मां के माध्यम से खरड़ में एक प्रसिद्ध रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में भागीदार है, जिसकी जांच विजिलेंस शुरु कर चुकी है।