ऊना\सुशील पंडित: राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय ऊना में शुक्रवार को दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी हाइब्रिड मोड में आयोजित की जा रही है। इस संगोष्ठी का आयोजन महाविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग द्वारा किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का मुख्य विषय “एक्सप्लोरिंग द लिटरेरी स्पेस एज ए ब्रिज एक्रास डिस्पिलिन” पर केंद्रित है।
इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्यातिथि हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के लैंग्वेज स्कूल में अधिष्ठाता प्रोफ़ेसर (डॉ.) रोशन लाल शर्मा थे। मुख्यातिथि डॉ. शर्मा ने सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि समाधान खोजने के लिए बहु-विषयक दृष्टिकोण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इकोक्रिटिसिज्म से लेकर पोस्टह्यूमन सिद्धांतों तक। आज हमें वास्तविकता से जुड़ने की आवश्यकता है।
साहित्य ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने के लिए एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में कार्य करता है। सैमुअल बेकेट के नाटकों के साथ समानताएं बनाते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दर्शक कैसे एक सक्रिय भागीदार बनते हैं, अर्थ और चरित्र की परतों को उजागर करते हैं। समय, स्थान और अंतःविषय संवाद की परस्पर क्रिया पर उनके विचारों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे साहित्य पारंपरिक सीमाओं को पार करता है, मानविकी को अन्य विषयों से जोड़ता है। अपनी अंतर्दृष्टि के माध्यम से, उन्होंने मानवतावादियों के रूप में हमसे इस गहन प्रश्न पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया कि एक दूसरे से जुड़ी दुनिया में मानव होने का क्या मतलब है।
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. मीता शर्मा ने मुख्यातिथि सहित सभी प्रतिभागियों का महाविद्यालय की तरफ़ से स्वागत करते हुए कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में स्वागत करते हुए कहा कि मुझे अत्यंत हर्ष और गौरव का अनुभव हो रहा है। यह अंग्रेज़ी विभाग की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो वैश्विक स्तर पर साहित्य, भाषा और संस्कृति से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श और अनुसंधान को बढ़ावा देने का मंच प्रदान करती है।
इस संगोष्ठी के माध्यम से हमें यह अवसर प्राप्त हो रहा है कि हम अपने ज्ञान को व्यापक परिप्रेक्ष्य में समझ सकें और विभिन्न दृष्टिकोणों को जान सकें। हमारे महाविद्यालय का उद्देश्य हमेशा से शैक्षिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अकादमिक आदान-प्रदान को सशक्त करना रहा है। यह संगोष्ठी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में जो विषय और सत्र निर्धारित किए हैं, वे समसामयिक चिंताओं को गहराई से संबोधित करते हैं और शोधकर्ताओं को नवीन दृष्टिकोण प्रदान करने का अवसर देते हैं।
इस अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की समन्वयक अनीता सैनी ने संगोष्ठी की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रथम दिवस शुक्रवार को विभिन्न तकनीकी सत्रों में ऑफलाइन 45 प्रतिभागियों ने अपने शोधपत्रों का वाचन किया तथा 152 प्रतिभागियों ने ऑनलाइन मोड से अपने शोधपत्रों का वाचन किया।
प्रथम दिवस के दूसरे सत्र के मुख्यवक्ता सीटी टेक विश्वविद्यालय अमेरिका के डॉ. पैट्रिक कोर्बेट ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता और लेखन उपकरण पर अपना विचार व्यक्त किए। इस संगोष्ठी में देश के लगभग सभी राज्यों के साथ ही विदेश में रहने वाले 300 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर ऐबस्ट्रैक्ट बुक का विमोचन मुख्यातिथि के कर-कमलों द्वारा किया गया। इस मौक़े पर महाविद्यालय के सभी शैक्षणिक और ग़ैर-शैक्षिक कर्मचारी उपस्थित रहे।