जब इन पंचायत प्रधानों ने नगर निगम जाने में जताई है आपत्ति, तो फिर क्यों नगर निगम में थोपने का हो रहा काम,
सरकार ओर जिला प्रशासन इन पंचायतों की जनता की आवाज को गौर से सुने, करें समाधान: दविंदर भुट्टो
ऊना/सुशील पंडित: कुटलैहड़ विस क्षेत्र की पंचायत रैंसरी,लोअर कोटला,अपर कोटला, कोटला खुर्द,झलेडा,अजनौली करीब आधा दर्जन से ज्यादा पंचायत प्रधानों ने ऊना नगर निगम में जाने का विरोध किया है। ओर जिलाधीश ऊना के पास जनता की तरफ से लिखित पत्र प्रदान किया है। तो फिर राज्य सरकार क्यों मनमानी करके जनता पर नगर निगम बनाने के आदेश थोप रही है। राज्य सरकार ओर जिला प्रशासन जनता की आवाज को सुने। ओर उस पर अपनी सहमति दें। नहीं तो मजबूरन जनता के हक की लड़ाई सड़कों पर लड़ी जाएगी।
कुटलैहड़ विस क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक दविंदर भुट्टो ने बंगाणा में मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब इन पंचायतों की जनता के सारे काम पंचायत के हो रहे है। ओर जनता की सभी समस्याओं का समाधान हो रहा है। फिर इन पंचायतों को नगर निगम में क्यों डाला जा रहा हैं। दविंदर भुट्टो ने कहा कि नगर निगम में जाने से इन पंचायतों को नुक्सान होगा। ओर हर जगह टैक्स की अदायगी बढ़ेगी। भुट्टो ने कहा कि गांवों में छोटे छोटे नक्शे के साथ रिहायशी मकान बनाए जाते है। लेकिन नगर निगम में जाने से नक्शे पास करवाने का भी टैक्स देना पड़ेगा। ओर जन्म ओर मृत्यु प्रमाण पत्र जो पंचायत में फ्री मिलता है।
नगर निगम में उस के पैसे देने पड़ेंगे। दविंदर कुमार भुट्टो ने कहा कि नगर निगम ऊना को बना दें। हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन इन पंचायतों की जनता ने अपने पंचायत प्रधान की अध्यक्षता में जब नगर निगम में जाने की आपत्ति जिलाधीश को लिखित रूप में दी है। तो इन ऊंचाइयों को नगर निगम से बाहर रखा जाए। भुट्टो ने कहा कि राज्य सरकार लगातार हर कार्य ओर आदेश टैक्स,महंगाई जनता पर थोपने का काम कर रही है। लेकिन अब जनता भी खामोश नहीं रहेगी। ओर उन पंचायतों की जनता के हम हर समय साथ खड़े है।
अगर इन पंचायतों की नगर निगम में जाने की आपत्ति पर जिला प्रशासन ने मोहर नहीं लगाई। तो मजबूरन हमें आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा। भुट्टो ने कहा कि पंचायत स्तर पर जनता के आसानी से हर कार्य हो जाता है। ओर पंचायतों के गांववासी दिन रात सुबह शाम आराम से स्थानीय प्रधान से कागजात ओर अपनी समस्या का समाधान घर द्वार करवा लेते है। लेकिन जब नगर निगम में यह पंचायतें चली जाएगी। तो हर कार्य के लिए जनता को ऊना जाना पड़ेगा। ओर बिना बजह समय ओर धन की बर्बादी होगी। भुट्टो ने कहा कि इन पंचायतों की नगर निगम में जाने की आपत्ति पर इन की जता को हक का फैसला करें। ताकि की जनता को राहत मिल सके।