शहद, घुट्टी, डिब्बा दूध है बेकार -मां का दूध अमृत आहार
बददी/सचिन बैंसल: स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में ग्राम पंचायत किशनपुरा के गाँव हररॉयपुर में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में सुपरवाइजर कांता धीमान ने बताया कि कि मां के दूध में शिशु के लिए पौष्टिक तत्वों के साथ साथ पर्याप्त पानी भी होता है । इसलिए 6 माह तक शिशु को मां के दूध के अलावा कुछ न दें । दूध का बहाव अधिक रखने के लिए जरुरी है कि मां चिंता मुक्त रहे। शिशु को सही समय और पर्याप्त मात्रा में मां का दूध न मिल पाना भी कुपोषण की समस्या का एक कारण है। शिशु के लिए स्तनपान अमृत के समान है। माता का दूध शिशु को निमोनिया , डायरिया और कुपोषण के जोखिम से भी बचाता है । कार्यक्रम में आंगनबाडी कार्यकर्ता चरण कौर , सुदेश कुमारी , पिंकी रानी एवं धात्री और गर्भवती महिलाएं मौजूद रही। इस अवसर पर हैल्थ सुपरवाईजर कांता धीमान ने महिलाओं को एक कविता भी सुनाई जिसका सार था कि स्तनपान ही बच्चों का पहला आहार ,स्तनपान ही देगा उसको जीवन का आधार नन्हे फूलों पे सजे मुस्कान, स्वस्थ रहे हर मुस्कान – शहद, घुट्टी, डिब्बा दूध है बेकार -मां का दूध अमृत आहार। उन्होने आगे बताया कि प्रसव के बाद मां का दूध होता है बच्चे का पहला आहार। स्तनपान कराने से बच्चे को नहीं होती सामान्य बीमारियां। बच्चे के विकास के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व होते हैं। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नहीं होती बीमारियां। मां के दूध से शिशु को पोषण के साथ-साथ रोगों से लडऩे की शक्ति भी मिलती है। पहले छह महीने तक बच्चों को केवल स्तनपान पर ही निर्भर रखना चाहिए। सुपाच्य होने के कारण मां के दूध से शिशु को किसी भी तरह की पेट की गड़बड़ी होने की आशंका नहीं होती है। मां का दूध शिशु की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होता है। इसलिए यह आपके शिशु के जीवन के लिए जरूरी है।इतना ही नहीं स्तनपान सिर्फ आपके शिशु के लिए ही नहीं बल्कि आपके लिए भी फयदेमंद है। स्तनपान कराने वाली महिलाएं रोगमुक्त रहती है।