Top Health News: हर साल दुनियाभर में लाखों लोग प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों के कारण जान गंवा देते हैं। भारत के दिल्ली-मुंबई-कोलकाता जैसे शहर दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। हर साल अक्टूबर व नवंबर आते ही इन शहरों की हवा जहरीली हो जाती है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। खासकर सर्दियों में जब हवा में धूल, धुआं और हानिकारक गैसों का स्तर बढ़ जाता है। दिवाली के बाद तो हालत और ज्यादा बिगड़ गई है। पटाखों के धुएं के कारण वायु में मौजूद सूक्ष्म कण, नाइट्रोजन और सल्फर डाइऑक्साइड जैसे हानिकारक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं।
हवा में 2.5 PM पार्टिकुलेट की मात्रा बढ़ने की वजह से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर हमारे फेफड़ों पर पड़ता है। इसके कारण सांस लेने में तकलीफ, अस्थमा और अन्य फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में फेफड़ों को डिटॉक्स करना बेहद जरूरी हो जाता है। आइए जानते हैं कुछ असरदार तरीकों के बारे में।
हेल्दी डाइट लें
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फूड्स- फल, सब्जियां, मेवे और बीज एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो फेफड़ों को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।
विटामिन-सी- संतरा, नींबू, अमरूद आदि विटामिन-सी से भरपूर होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और फेफड़ों को प्रदूषण से बचाते हैं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड- मछली, अखरोट और चिया सीड्स ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं और फेफड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
योग और प्राणायाम
योगासन- योगासन शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाते हैं और फेफड़ों को मजबूत बनाते हैं।
प्राणायाम- प्राणायाम से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और शरीर से टॉक्सिन पदार्थ निकलते हैं।
स्मोकिंग न करें
- धूम्रपान सबसे बड़ा दुश्मन- स्मोकिंग फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। इसे छोड़ना फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा उपाय है।
पानी भरपूर मात्रा में पिएं
- शरीर को डिटॉक्स- पानी शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को निकालने में मदद करता है और फेफड़ों को स्वस्थ रखता है।
नियमित एक्सरसाइज करें
शरीर को एक्टिव रखें- व्यायाम से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है।
भाप लें
नाक और फेफड़ों को साफ करें- भाप लेने से नाक और फेफड़ों में जमा धूल और प्रदूषक निकल जाते हैं।
घर की हवा को शुद्ध रखें
एयर प्यूरीफायर- घर के अंदर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। इससे आपको शुद्ध हवा मिलेगी।
इंडोर प्लांट्स- घर के अंदर इंडोर प्लांट्स लगाएं। ये ऑक्सीजन रिलीज करते हैं और प्रदूषण भी कम करते हैं।