नई दिल्ली: यूपी परिवहन निगम की रोडवेज बसों में फास्टैग हैक होने का मामला सामने आया है। इस मामले में बैंक अधिकारियों से मिलीभगत की भी आशंका है। यूपी परिवहन निगम की बसों का फास्टैग हैक होने की सूचना से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। साइबर थाने में शिकायत के साथ ही जांच शुरू करवा दी गई है। पूरे मामले में दो करोड़ रुपये फंसने की आशंका जताई जा रही है।
हालांकि फिलहाल खाते से कटौती का कोई केस अब तक सामने नहीं आया है। फिर भी एहतियातन संबंधित बैंकों को सूचना दे दी गई है। परिवहन निगम ने टॉल टैक्स के लिए एसबीआई और एक्सिस बैंक का फास्ट टैक लिया है। अधिकारियों के अनुसार दोपहर करीब चार बजे लो बैलेंस का मेसेज आया। जानकारी के अनुसार 11 हजार बसों में लगे फास्ट टैग के लिए रोज एक से दो करोड़ रुपये जमा करवाए जाते हैं।
इसके बावजूद लो बैलेंस का मेसेज आने पर ऑनलाइन फास्ट टैग का स्टेटस चेक किया। इसमें संबंधित बैंकों की जगह आईडीएफसी दिखने लगा। इसके बाद संबंधित बैंकों को सूचना देने के साथ ही साइबर थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई।हालांकि अधिकारियों के अनुसार देर शाम तक किसी प्रकार की अतिरिक्त कटौती की बात सामने नहीं आई है।