मुंबई। बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान आज 59 वर्ष के हो गए हैं। 02 नवंबर 1965 को दिल्ली में जन्में शाहरुख खान के पिता ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े हुए थे। अभिनय से जुड़ने और संचार की विभिन्न विधाओं को नजदीक से समझने के लिए शाहरुख खान ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि ग्रहण की।
वर्ष 1988 में शाहरुख खान ने बतौर अभिनेता छोटे पर्दे के धारावाहिक फौजी से अपने करियर की शुरूआत की। वर्ष 1991 में अपने सपनों को साकार करने के लिए शाहरुख मुंबई आ गए। अजीज मिर्जा ने शाहरुख खान की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें अपने धारावाहिक सर्कस में काम करने का मौका दे दिया। उन्हीं दिनों हेमा मालिनी को अपनी फिल्म दिल आशना है के लिए दिव्या भारती के अपोजिट नए चेहरे की तलाश थी।
शाहरुख खान को जब इस बात का पता चला तो वह अपने दोस्तों की मदद से इस फिल्म के लिए स्क्रीन टेस्ट देने के लिए गये और चुन लिए गए। इस बीच शाहरुख को फिल्म ..दीवाना ..में काम करने का अवसर मिला। ऋषि कपूर जैसे मंझे हुए अभिनेता की मौजदूगी में भी शाहरुख खान ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को अपना दीवाना बना लिया, जिसके लिए फिल्म फेयर की ओर से उन्हें नए अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला।
इस बीच निर्देशक जोड़ी अब्बास-मस्तान की नजर शाहरूख खान पर पड़ी। उस समय वह अंग्रेजी के नोबल ..ए किस बिफोर डेथ..पर एक फिल्म बनाना चाह रहे थे। इस फिल्म में शाहरुख खान को किरदार ग्रे शेडस लिए हुए थे। शाहरुख ने इसे चुनौती के तौर पर लिया और इसके लिए हामी भर दी। वर्ष 1993 में प्रदर्शित फिल्म बाजीगर सुपरहिट साबित हुई और वह काफी हद तक इंडस्ट्री में पहचान बनाने में कामयाब हो गए।
वर्ष 1993 में ही शाहरुख खान को यश चोपड़ा की सुपरहिट फिल्म डर में काम करने का अवसर मिला। वर्ष 1995 में शाहरुख खान को यश चोपड़ा की ही फिल्म दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने कैरियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई । शाहरुख खान के संजीदा अभिनय से फिल्म सुपरहिट साबित हुई। वर्ष 1999 में शाहरुख खान ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और अभिनेत्री जूही चावला के साथ मिलकर ..ड्रीम्स अनलिमिटेड ..बैनर की स्थापना की । इस बैनर के तहत सबसे पहले शाहरुख खान ने ..फिर भी दिल है हिंदुस्तानी ..का निर्माण किया।
दुर्भाग्य से अच्छी पटकथा और अभिनय के बाद भी फिल्म टिकट खिड़की पर असफल हो गई । बाद में इसी बैनर तले शाहरुख खान ने अपनी महत्वाकांक्षी फिल्म …अशोका ..बनाई लेकिन इसे भी दर्शकों ने बुरी तरह से नकार दिया । हालांकि उनके बैनर तले बनी तीसरी फिल्म ..चलते चलते ..सुपरहिट साबित हुई । वर्ष 2004 में शाहरुख खान ने ..रेडचिली इंटरटेनमेंट ..कंपनी का भी निर्माण किया और उसके बैनर तले “मैं हूं ना ”का निर्माण किया जो टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई । बाद मे इसके बैनर तले उन्होंने ने पहेली,काल,ओम शांति ओम, बिल्लू बार्बर ,चेन्नई एक्सप्रेस, हैप्पी न्यू इयर और दिलवाले जैसी कई फिल्मों का भी निर्माण किया।