चंडीगढ़ः शिरोमणि अकाली दल की ओर से नई कोर कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी में 23 सदस्यों को शामिल गया है। शिअद के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट डाल कर इस की जानकारी दी।नई कोर कमेटी में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी से लेकर परमजीत सिंह सरना तक के नाम शामिल किए गए है।
ध्यान रहे कि इससे पहले पार्टी में बगावत के चलते पिछले महीने कोर कमेटी भंग कर दी गई थी। उस कमेटी में प्रेम सिंह चंदूमाजरा से लेकर कई नाम शामिल थे। शिअद की ओर से गठित कोर कमेटी में एसजीपीस अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी का नाम पहले स्थान पर है।
इसके बाद बलविंदर सिंह भूंदड़, नरेश गुजराल, गुलजार सिंह राणिके, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, डॉ. दलजीत चीमा, जनमेजा सिंह सेखों, अनिल जोशी, शराणजीत सिंह ढिल्लों, बिक्रम सिंह मजीठिया, हीरा सिंह गाबड़िया, परमजीत सिंह सरना, मंजीत सिंह जीके, इकबाल सिंह झूंदा, प्रो विरसा सिंह वल्टोहा, गुरबचन सिंह बब्बेहाली, डा सुखविंदर सुक्खी, लखबीर सिंह लोधीनंगल, एनके शर्मा, मनतार सिंह बराड़, हरमीत सिंह संधू, सोहन सिंह ठंडल और बलदेव सिंह खेहरा का नाम शामिल है।
कमेटी में चार विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। कमेटी में जो आमंत्रित सदस्य बनाए गए है। उनमें संसद में जो पार्टी का नेता होगा उसे जगह दी जाएगी। इसके अलावा यूथ अकाली दल के प्रधान, स्त्री अकाली दल के नेता और शिअद लीगल विंग के हेड को स्पेशल सदस्य बनाया गया है। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी की वर्किंग कमेटी में यह निर्णय लिया। ध्यान रहे कि करीब 12 दिन पहले अचानक शिअद ने कोर कमेटी भंग कर दी थी। शिअद की ओर से इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर एक लाइन की पोस्ट ड़ाली गई है। उसके बाद शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल अकाल तख्त पर पेश हुए थे।
इसके बाद पार्टी से सात नेताओं को निष्कासित किया गया था। काबिले गौर है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता जिन्होंने अपना अलग धड़ा कायम किया हुआ है, उनमें ज्यादातर कोर कमेटी के सदस्य थे जिनमें प्रो प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जगीर कौर, पार्टी के सरपरस्त सुखदेव सिंह ढींडसा आदि शामिल हैं। पार्टी के बागी धड़े की अलग से बैठक सुखदेव सिंह ढींडसा के आवास पर हुई। इसमें 13 सदस्यीय प्रिजियम बनाने का फैसला लिया गया है। इसमें ज्यादा से ज्यादा युवाओं को शामिल किया जाएगा ताकि वे पार्टी का संचालन कर सकें। बैठक में जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहरा की शताब्दी मनाने का भी फैसला लिया गया था।
पंथक धड़ों को एकजुट करने और समय के अनुसार नई रणनीति तय करने के लिए पांच अगस्त को चंडीगढ़ में एक सेमीनार करवाने का भी फैसला लिया गया है। 20 अगस्त को जत्थेदार हरचंद सिंह लोंगोवाल की बरसी है इसको भी इस बार बड़े पैमाने पर मनाने का फैसला लिया गया है।