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श्री आनंदपुर साहिब : हिमाचल प्रदेश के मशहूर शक्तिपीठ श्री नयना देवी जी में पिछले लगभग 15 दिनों से पानी की भारी किल्लत है। श्री नैना देवी जी में हालात इतने बदतर हो चुके हैं, कि घरों में भी खाना बनाने के लिए पानी भी नहीं है। जबकि विभाग के अधिकारीयों ने पंजाब कारपोरेशन के द्वारा नहर की मरम्मत के कार्य का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। इस धार्मिक स्थल पर करोड़ों रुपए पेयजल उपलब्ध करवाने पर खर्च किए गए है। लेकिन वर्ष भर में कई बार श्री नैना देवी और आसपास के पंचायत के लोगों को पेयजल के लिए भटकना पड़ता है। उल्लेखनीय है की प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नैना देवी जी के अलावा, घबंडल सलोआ, नकराना, मंडयाली आदि पंचायत को आनंदपुर हाइडल चैनल के अंतर्गत चंगर क्षेत्र की मध्यम उठाऊ पेयजल योजना के तहत कोट से लगभग साढ़े छह करोड़ की स्कीम के तहत पेयजल आवंटित किया जाता है। पंजाब द्वारा नहर की मरम्मत का हवाला देकर लगभग एक 15 दिनों से पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई है। ऐसे में इस क्षेत्र में पेयजल संकट ने विकराल रूप धारण कर लिया है।
लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। हर तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि श्री नैना देवी जी क्षेत्र में मची हुई है। इस कारण लोगों ने जल शक्ति विभाग के प्रति गहरा रोश व्यापत है। पेयजक समस्या को लेकर लोगों में दिन प्रतिदिन गुस्सा बढ़ता जा रहा है। तत्कालीन योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रणब मुखर्जी ने यहां के लोगों को इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए सन,1993 में लगभग एक करोड़ रूपया केंद्र से भेजा था। परंतु यह स्कीम ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई। पंजाब सरकार के साथ एक समझौते के तहत पानी की आपूर्ति इस क्षेत्र में की जाती है। तो ऐसे में पंजाब के अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के पानी की सप्लाई बंद कर देते हैं। उधर जल शक्ति विभाग की कार गुजारी का आलम यह है। कि पिछले 15 दिनों मे मात्र आधे घंटे की सप्लाई लोगों को दी जाती हैं। स्थानीय लोग टैंकर के द्वारा ओर मिनरल वाटर बाहर से खरीद कर पानी घरों के लिए ला रहे हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि जल शक्ति विभाग ने इस क्षेत्र की जनता को राम भरोसे छोड़ दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कब तक यहां की जनता को अपने पड़ोसी पंजाब राज्य के भरोसे निर्भर रहना पड़ेगा। हिमाचल सरकार इस प्रसिद्ध शक्तिपीठ जहां पर हर साल लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचते हैं। उसके लिए अलग से कोई पेयजल स्कीमजब तक निर्मित नहीं करती है। तब तक यहां की जनता को पेय जल के कारण जूझना पड़ता रहेगा, तथा भविष्य में इस विकराल समस्या की पुनरावृत्ति ना हो। हिमाचल सरकार को इस पर चिंतन करना नितांत आवश्यक है। क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से पंजाब के अधिकारी नहर की मरम्मत का हवाला देकर प्रत्येक वर्ष पानी की सप्लाई रोक देते हैं। लोगों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि इस मशहूर शक्तिपीठ के लिए व्यापक मात्रा मे पानी उपलब्ध करवाया जाए ताकि स्थानीय लोग, आसपास के ग्रामीण और श्रद्धालु, दुकानदार परेशान न हो।