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चंडीगढ़ः एयरलाइंस और शताब्दी की तरह जल्द यूटी के सिनेमा हॉल में लगने वाली फिल्म की टिकट के फ्लेक्सी रेट लागू होने जा रहे है। ऐसे में लोगों को जल्द बड़ी राहत मिलने वाली है। दरअसल, जैसे-जैसे सिनेमा हॉल में किसी फिल्म की बुकिंग बढ़ती जाएगी उसका रेट भी बढ़ता जाएगा जो सबसे पहले बुकिंग करवाएगा उसे सस्ती टिकट खरीदने का मौका मिलेगा। बताया जा रहा है कि संपदा विभाग ने नीति में संशोधन करने का प्रस्ताव प्रशासन को भेजा है। जिसकी मंजूरी मिलने के बाद सिनेमा संचालक अपने हिसाब से फिल्म के महत्व के हिसाब से उसका रेट तय कर सकेंगे। जिस फिल्म की मांग कम होगी उसके रेट कम लागू किए जाएंगे।
इसके साथ-साथ जो फिल्म नई आएगी उस समय उसके रेट ज्यादा होंगे लेकिन जैसे-जैसे उसके लगने के दिन बढ़ते जाएंगे उसकी टिकट के रेट भी कम होते जाएंगे। प्रशासन के अनुसार रेट ज्यादा और कम करने का अधिकार सिनेमा संचालकों को मिल जाएगा और मांग के अनुसार वह अपने अनुसार रेट तय कर पाएंगे। जबकि इस समय के नियम के अनुसार सिनेमा चलाने वाले संचालकों को सिर्फ साल में दो बार ही रेट कम और ज्यादा करने का अधिकार है इसके लिए भी मंजूरी उन्हें प्रशासन से लेनी होती है। जबकि नए प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद संचालक कभी भी रेट कम और ज्यादा कर पाएंगे। प्रशासन के अनुसार पंजाब व हरियाणा के अलावा देश के अधिकतर राज्यों में फिल्म की टिकट पर फ्लेक्सी नीति ही लागू है जबकि चंडीगढ़ में ऐसा नहीं है।
प्रशासन के अनुसार नए सिस्टम के लागू होने से दर्शकों के साथ-साथ प्रशासन को भी राजस्व का फायदा होगा। हर टिकट के रेट पर प्रशासन को 18 फीसदी जीएसटी मिलता है। जबकि मोहाली और पंचकूला के सिनेमा हॉल में इस समय रेट कम और ज्यादा फिल्म की मांग के अनुसार होते रहते है। रेट नीति में संशोधन के लिए संपदा विभाग पंचकूला और मोहाली में लागू हो रहे रेट का भी अध्ययन कर रहे है। शहर के अधिकतर सिनेमा हॉल वीकेंड पर फुल रहते हैं। लेकिन टिकट के रेट सप्ताह में हर दिन बराबर रहते हैं। प्रशासन की ओर से मंजूरी मिलने पर अब सिनेमा संचालक नॉर्मल दिनों में रेट कम कर पाएंगे। जबकि वीकेंड में रेट बढ़ा पाएंगे।
प्रशासन के अनुसार अभी तक हर दिन एक ही तरह का रेट लागू होता है। जिसमे वीकेंड और आम दिनों के बीच फिल्म के रेट में कोई फर्क नहीं होता है। हाल ही में सिनेमा चलाने वालों ने प्रशासन के अधिकारियो से इस संदर्भ में बैठक भी की थी लेकिन अधिकारियों ने उन्हें नियम का हवाला देते हुए साल में सिर्फ दो बार ही ऐसा करने की जानकारी दी। बैठक में सिनेमा हॉल के प्रबंधकों ने अपनी बात रखी तो संपदा विभाग ने भी रेट कम और ज्यादा करने का अधिकार पर अपनी सहमित देते हुए प्रस्ताव तैयार करने की बात की। प्रशासन के अनुसार इस समय हर तरह की फिल्म का रेट एक जैसा होता है लेकिन प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद फिल्म के हिसाब से रेट लागू होंगे। बता दें कि साल 2019 में 100 रुपये से अधिक की टिकट को 28 प्रतिशत टैक्स की स्लैब से घटाकर 18 प्रतिशत जीएसटी में शामिल किया गया था।