अमृतसरः श्री हरिमंदिर साहिब के पवित्र सरोवर के जल की समय-समय पर सफाई करने के लिए कनाडा ने सुनहरी रंग की नाव भेंट की है। दरअसल, कनाडा निवासी एनआरआई श्रद्धालु गुरजीत सिंह ने यह नाव भेंट की है। वहीं श्री हरिमंदिर साहब के ग्रंथी ज्ञानी केवल सिंह ने अरदास के बाद इस नाव को जयकारों की गूंज में संगत की मौजूदगी में इसे सरोवर में उतारा। इस नाव का वजन करीब ढाई सौ से 300 किलोग्राम है तथा इस पर सुनहरे रंग का पीतल लगा हुआ है।
इसके साथ ही श्रद्धालु गुरजीत सिंह ने सुनहरे रंग की नाव के साथ चप्पू भी सफाई करने के लिए भेंट किया है। नाव की सेवा करवाने वाले श्रद्धालु परिवार के अन्य सदस्य मनदीप सिंह बटाला ने बताया के उनके कनाडा में रहते भाई गुरजीत सिंह एवं अन्य स्वजनों की इच्छा थी कि श्री हरिमंदिर साहिब के सरोवर में लकड़ी की जगह सुनहरे रंग की नाव होनी चाहिए। इसके लिए परिवार द्वारा श्रद्धा सहित एक पीतल की नाव तैयार करवाई गई है। इस मौके पर श्री हरिमंदिर साहब के अतिरिक्त मैनेजर राजेंद्र सिंह रूबी, माता मलकीत कौर इत्यादि भी मौजूद थे।
उधर, अमृतसर के श्रद्धालुओं में महाकुंभ में भी स्नान के लिए रवाना हो रहे हैं। अमृतसर से इस्कॉन संस्था के करीब 100 से अधिक लोग महाकुंभ का स्नान करने के लिए गए हुए हैं तथा इस्कॉन के करीब पूरे देश से 5000 से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ का स्नान करने गए हैं। इस्कॉन के एकमात्र महंत महामंडलेश्वर परम पूज्य नवयोगेंद्र स्वामी जी महाराज के सानिध्य में सभी भक्तजन प्रभु रंग में रंगे हुए हैं। उन्होंने अमृत काल के समय कुंड में महा स्नान किया।
अमृतसर से इस्कॉन के जिला प्रमुख इंद्रानुज दास, प्रभु श्यामानंद, प्रभु हरि कृपा दास तथा अन्य महापुरुष तथा श्रद्धालु इस समय पावन धरती पर प्रभु का गुणगान कर रहे हैं। महामंडलेश्वर नवयोगेंद्र स्वामी जी महाराज लोगों को धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त करना हम सब का सौभाग्य है। महाकुंभ में स्नान करने की अपनी ही महत्ता है। यह हमारा जीवन का सुनहरी अवसर है कि हमें महाकुंभ में स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।