चंडीगढ़ः फर्जी मुठभेड़ व हत्या के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत आज फैसला सुनाएगी। 1992 में तरनतारन से जुड़े दो युवकों का अपहरण कर फर्जी एनकाउंटर किया गया था। अदालत इस मामले में तत्कालीन थाना सिटी तरनतारन के प्रभारी गुरबचन सिंह, एएसआई रेशम सिंह व पुलिस मुलाजिम हंस राज सिंह को दोषी ठहरा चुकी है। तीनों दोषियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है।
हालांकि इस मामले की सुनवाई के दौरान दिसंबर 2021 में एक आरोपी पुलिसकर्मी अर्जुन सिंह की मृत्यु हो गई थी। 32 साल की कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार परिवार को न्याय मिला। इस मामले में कल पूर्व पुलिस अधिकारी गुरबचन सिंह, एसआई रेशम सिंह और एएसआई हंस राज को दोषी ठहराया गया था। जिन्हें आज मोहाली की विशेष सीबीआई अदालत ने आजीवन कारावास और आरोपियों को 2-2 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।