ऊना/सुशील पंडित: एनसीसी सप्ताह के अंतर्गत एनसीसी दिवस का उत्सव मनाने के लिए सरकारी कॉलेज ऊना के एनसीसी कैडेट्स ने देहलां गांव स्थित ‘आश्रय: विशेष बच्चों के स्कूल’ का दौरा किया। यह दौरा कॉलेज की प्राचार्य डॉ. मीता शर्मा की पहल पर आयोजित किया गया। डॉ. शर्मा, जो आश्रय स्कूल की संस्थापक सदस्य भी हैं, ने इस आयोजन का उद्देश्य कैडेट्स को सामाजिक सेवा और समावेशिता के महत्व से जोड़ना बताया।
स्कूल परिसर का दौरा और विशेष सुविधाएं
आश्रय स्कूल के प्राचार्य मोहिंदर गोपाल ने एनसीसी कैडेट्स का स्वागत किया और स्कूल परिसर का दौरा कराया। उन्होंने विशेष बच्चों की जरूरतों के अनुसार स्कूल में तैयार की गई विशेष सुविधाओं की जानकारी दी, जिनमें उनकी शिक्षा और दैनिक गतिविधियों में मदद करने वाले उपकरण शामिल थे।
श्रमदान और मनोरंजक गतिविधियां
कैडेट्स ने स्कूल परिसर में श्रमदान किया, जिसमें उन्होंने परिसर की सफाई और फूलों के बगीचों के रखरखाव में सहयोग दिया। इसके बाद, उन्होंने विशेष बच्चों के साथ समय बिताया और डांस, दौड़ और अन्य खेल गतिविधियों में हिस्सा लिया। कैडेट्स ने बच्चों के साथ मिलकर उनके दिन को खास बनाया और उन्हें खाने-पीने की चीजें भी परोसीं।
विशेष अतिथि का आगमन और जागरूकता सत्र
इस अवसर पर ऊना जिला न्यायालय की न्यायाधीश श्रीमती अंकिता शर्मा भी स्कूल पहुंचीं। उन्होंने एनसीसी कैडेट्स से बातचीत की और उन्हें न्यायपालिका से संबंधित कई ज्वलंत मुद्दों, जैसे मोटर वाहन अधिनियम, नशा उन्मूलन और सामाजिक न्याय के बारे में जागरूक किया। कैडेट्स ने इस सत्र को ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक बताया।
एनसीसी अधिकारियों की भूमिका
इस दौरे में कैडेट्स का नेतृत्व सरकारी कॉलेज ऊना के एनसीसी अधिकारी कैप्टन अश्विनी कुमार और कैप्टन मोनिका खन्ना ने किया। उन्होंने कैडेट्स को इस कार्यक्रम के महत्व और समाज में उनकी जिम्मेदारी के बारे में जागरूक किया।
डॉ. मीता शर्मा का संदेश
डॉ. मीता शर्मा ने कहा, “एनसीसी दिवस के अवसर पर इस प्रकार की पहल न केवल हमारे कैडेट्स को सामाजिक सेवा से जोड़ती है, बल्कि उन्हें संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का पाठ भी पढ़ाती है। आश्रय स्कूल में समय बिताने से कैडेट्स ने समाज के उन वर्गों के प्रति अपनी समझ बढ़ाई है, जिन्हें विशेष देखभाल की जरूरत है।”
समावेशिता और सेवा का संदेश
यह दौरा एनसीसी कैडेट्स के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव साबित हुआ। उन्होंने विशेष बच्चों के साथ समय बिताकर सेवा और समावेशिता के महत्व को समझा। आश्रय स्कूल के प्राचार्य ने एनसीसी टीम की मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों की अपेक्षा जताई।
एनसीसी सप्ताह के तहत यह आयोजन समाज सेवा और जागरूकता फैलाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण बना और युवाओं को समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा दी।