चंडीगढ़ः भारत और कनाडा के बीच बढ़ता तनाव का असर कनाडा में बस रहे लोगों पर पड़ रहा है। दरअसल, कनाडा सरकार द्वारा लगातार नियमों को लेकर सख्त रवैय्या अपनाया जा रहा है। हाल ही में कनाडा सरकार ने स्टडी वीजा के नियमों के बदलाव कर दिए थे। दोगुनी जीआइसी के साथ-साथ वर्क परमिट वाले विद्यार्थियों को काम भी नहीं मिल रहा है। वहीं अब ट्रूडो की सरकार ने विजिटर वीजा नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। विजिटर वीजा के नियमों में बदलाव से पंजाबियों की मुश्किलें बढ़ गई है। ऐसे में अब पंजाबियों का कनाडा में स्थायी रूप से बसने का सपना अधूरा रह जाएगा। बता दें कनाडा सरकार ने 10 वर्ष का विजिटर वीजा देने में बदलाव किया है।
इसके बंद होने से अब लोगों को केवल एक महीने तक का विजिटर वीजा मिलेगा और एक महीने बाद कनाडा में लौटना होगा। दरअसल, इससे पहले लोग 10 वर्ष का कनाडा वीजा लगाकर रख लेते थे और कभी भी घूमने के लिए निकल जाते थे। कनाडा में बसे पंजाबियों का कहना है कि चुनावी माहौल को देखते हुए यह फैसले लिए जा रहे है। नए-नए नियम निकाले जा रहे है। भारतीयों की गिनती अधिक होने की वजह से काम नहीं मिल रहा है। घर का रेंट अधिक है। जिसके कारण स्टडी पर गए विद्यार्थी को मुश्किल का सामना करना पड़ता है।
बता दें कि कनाडा का 10 वर्ष का वीजा लेकर पंजाबी विजिटर वीजा को वर्क परमिट में कनवर्ट कर लेते थे। विजिटर वीजा पर आप कनाडा में किसी जगह पर काम नहीं कर सकते। अगर काम करते पकड़े जाते है तो काम करवाने वाले को जुर्माना और जो काम करने वाले को डिपोर्ट किया जाता है। कैश के काम में डॉलर भी कम मिलते थे। इसी के चलते पंजाबियों ने विजिटर वीजा को वर्क परमिट पर कनवर्ट और एक वर्ष बाद पीआर की फाइल लगा लेते थे ताकि मेहताना पूरा मिले। कनाडा वीजा विशेषज्ञों का कहना है कि 10 साल की विजिटर वीजा का समय समाप्त होने पर पंजाबियों पर इसका ज्यादा असर पड़ेगा। विशेषज्ञों ने बताया कि कनाडा का वीजा लगा होने की वजह से यूएसए का वीजा जल्द मिलने के आसार होते है।
कई लोग कनाडा से यूएसए वीजा अप्लाई की अप्वाइंटमेंट लेते थे। अप्वाइंटमेंट मिलने के बाद वीजा की तारीख मिल जाती थी। वीजा लगभग मिल जाता था। यूएसए का वीजा लगने के बाद कई पंजाबियों ने वापस आने की बजाए यूएसए में काम करना शुरु कर दिया है। पंजाबी कनाडा में वर्क परमिट व विजीटर वीजा पर गए है वह यूएसए का वीजा लगाकर काम कर रहे है। वहीं उन्होंने कहा कि साल 2023 की बात करें तो 12 लाख वीजा मिले, जिनमें से 55 प्रतिशत पंजाबी थे। वर्ष 2021 में करीब 2.37 लाख विजिटर वीजा भारतीयों को जारी किए गए। लेकिन 2022 में यह संख्या बढ़कर 11 लाख हो गई। हर साल की बात करें तो पंजाब को 6 से 7 लाख लोगों को विजिटर वीजा मिलता है।