हरियाणाः कांग्रेस ने 5 पूर्व विधायकों समेत 9 बड़े चेहरों को पार्टी से बाहर करने का फरमान जारी किया है। ये नेता 6 साल के लिए पार्टी से निकाले गए हैं। मुख्य तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने पानीपत की पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी, बल्लभगढ़ की पूर्व विधायक शारदा राठौर, पुंडरी से सतबीर भाना, उचाना से वीरेंद्र गोदिया, बरोदा से कपूर नरवाल और बवानीखेड़ा से सतबीर रतेड़ा को पार्टी से निकाल दिया है।
27 सितंबर को भी पार्टी ने 13 नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित किया था। इनमें पानीपत ग्रामीण से चुनाव लड़ रहे विजय जैन, कलायत विधानसभा सीट से अनीता ढुल, जींद से प्रदीप गिल, आरक्षित सीट गुहला से नरेश ढांडे, पुंडरी से सज्जन सिंह ढुल और सुनीता बट्टन को बाहर का रास्ता दिखाया गया था। अब उचानां कलां से दिलबाग सांडिल, नीलोखेड़ी (रिजर्व) से राजीव गोंदर और दयाल सिंह सिरोही, भिवानी से अभिजीत सिंह, दादरी से अजीत फोगाट और पृथला से नीत मान को भी 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है।
इससे पहले अंबाला कैंट से आजाद लड़ रहीं चित्रा सरवारा और बहादुरगढ़ से लड़ रहे राजेश जून पर कार्रवाई हुई थी। हरियाणा कांग्रेस अब तक अपने 25 नेताओं पर एक्शन ले चुकी है। जींद से प्रदीप गिल ने टिकट मांगा था। लेकिन टिकट महावीर गुप्ता को मिला। दिलबाग संडील ने उचाना से टिकट मांगा था। लेकिन पार्टी ने हिसार के पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह को टिकट दिया। जिसके बाद दोनों सीटों पर बगावत देखने को मिल रही है। बागी पार्टी को कितना नुकसान पहुंचाते हैं? यह देखने वाली बात होगी।
पानीपत की शहरी सीट पर रोहिता रेवड़ी ने मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। रोहिता को इलाके में प्रभावी नेता माना जाता है। वहीं, अंबाला कैंट से चित्रा सरवारा ने कांग्रेस प्रत्याशी की राह में कांटे बिछा दिए हैं। यहां से बीजेपी के बड़े नेता अनिल विज भी लड़ रहे हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस की बगावत का फायदा उनको मिल सकता है। अंबाला कैंट से कांग्रेस ने परविंदर परी को टिकट दिया है। जो कुमारी सैलजा के समर्थक माने जाते हैं। चित्रा के पिता निर्मल सिंह को कांग्रेस ने अंबाला से मैदान में उतारा है।