लाहौर। 26/11 मुंबई हमले के गुनहगार और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ अब्दुल रहमान मक्की की मौत हार्ट अटैक की वजह से हो गई है। जमात-उद-दावा (जेयूडी) के अनुसार, प्रोफेसर अब्दुल रहमान मक्की पिछले कुछ दिनों से बीमार था और लाहौर के एक निजी अस्पताल में उच्च मधुमेह के कारण उसका इलाज हो रहा था। जेयूडी के एक अधिकारी ने को बताया, ‘‘मक्की को सुबह दिल का दौरा पड़ा और उसने अस्पताल में अंतिम सांस ली। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक मक्की लश्कर के विदेश संबंध विभाग का सरगना था। वह 26/11 मुंबई हमले में भी शामिल था। 10 दिसंबर 1954 को जन्म मक्की आतंकी संगठन की खातिर धन जुटाता था।
आइए जानते हैं कि अब्दुल रहमान मक्की कौन था?
अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना आतंकी हाफिज सईद का साला है। भारत को कई मामलों में दोनों की तलाश है। मक्की आतंकी संगठन में युवाओं की भर्ती और धन जुटाने में अहम भूमिका निभाता रहा है। मुंबई हमलों के अलावा कई अन्य आतंकी घटनाओं में उसकी भूमिका भी उजागर हो चुकी है। जेयूडी प्रमुख हाफिज सईद के रिश्तेदार मक्की को आतंकवाद रोधी अदालत ने 2020 में आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में छह महीने की कैद की सजा सुनाई थी। मक्की जेयूडी का उप प्रमुख था और आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद से उसकी अधिक चर्चा नहीं हुई।
पाकिस्तान मुत्तहिदा मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) ने एक बयान में कहा कि मक्की पाकिस्तानी विचारधारा का समर्थक था। मक्की को 2023 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था, जिसके तहत उसकी संपत्ति जब्त की गई, यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया और हथियार पर प्रतिबंध लगाए गए।