
तरनतारनः तेलगाना में श्रीशैलम परियोजना के ऊपरी हिस्से पर 43.93 किलोमीटर लंबी पहली सुरंग (सुरंग-1) का निर्माण 9.2 मीटर की रेडियस के साथ किया जाना था। इसके लिए केंद्र सरकार ने 1,925 करोड़ रुपए दिए। इसमें 33.35 किलोमीटर का काम किया जा चुका है। इस सुरंग के लिए इनलेट और आउटलेट दोनों तरफ से काम किया गया है। इस दौरान सुरंग का कुछ हिस्सा गिर जाने से विभिन्न राज्यों के 8 लोग सुरंग के भीतर फंस गए। इस घटना में तरनतारन के गांव चीमा कलां का रहने वाला गुरप्रीत सिंह भी शामिल है। घटना को लेकर गांव वाले उसकी सलामती के लिए अरदास कर रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ गुरप्रीत का परिवार चिंता में है। परिवार का कहना है कि जब से गुरप्रीत के सुरंग में फंसे होने की सूचना मिली है पत्नी राजविंदर कौर और उसकी दोनों बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार का कहना है कि एक ओर राजविंदर को अपने पति की सलामती की चिंता है और दूसरी तरफ उसे अपनी बेटियों के भविष्य की चिंता भी सता रही है। इस खबर के बाद गुरप्रीत सिंह के घर उनके रिश्तेदार और गांव के लोग परिवार को दिलासा देने उनके घर पहुंच रहे। गुरप्रीत सिंह पर उनकी दोनों बेटियां, पत्नी और बुजुर्ग दादी निर्भर है।
उन्हीं की कमाई से पूरा घर चलता है। राजविंदर कौर ने बताया कि उनके पति 20 साल से एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में मशीन ऑपरेटर का काम करते थे और श्रीशैलम सुरंग में पिछले कुछ दिनों से कट्टर का काम कर रहे थे। उन्हें शनिवार कंपनी के किसी कर्मचारी ने फोन करके बताया कि गुरप्रीत सिंह और उसके साथी सुरंग में काम कर रहे थे कि अचानक सुरंग की छत गिर गई। जिसके बाद से गुरप्रीत सिंह समेत सुरंग में काम करने वाले 8 लोग लापता हैं जिन्हें ढूंढने के लिए राहत कार्य जारी है।