
लुधियानाः नए भर्ती 600 के करीब सब-इंस्पेक्टरों को लुधियाना के सिविल अस्पताल में लाइव पोस्टमॉर्टम दिखाए जा रहे है, ताकि उन्हें मेडिको लीगल में परफेक्ट बनाया जा सके। हत्या, आत्महत्या, सड़क दुर्घटना या कोई भी आपराधिक वारदात में पूरा केस क्राइम सीन पर पहुंचे अधिकारी की जांच पर टिका होता है कि वह अपने काम में कितना माहिर है।
वह मौके पर डिटेक्टिव माइंड की तरह घटनास्थल व लाश का मुआयना कर फोरेंसिक सबूत जुटाता है, तो आगे चलकर यही सबूत केस को तह तक ले जाते हैं और अदालत में भी मजबूत केस पेश होता है, जिससे आरोपियों को सजा मिल पाती है।
इसी के मद्देनजर पंजाब पुलिस के मुलाजिमों को सिविल अस्पताल में लाकर मेडिको लीगल केसों की ट्रेनिंग दिलवाई जा रही है। उन्हें बताया जा रहा है कि वारदात के बाद लाश का मुआयना और शरीर पर लगे निशानों के आधार पर वह किस तरह अपनी जांच को आगे बढ़ा सकते हैं।
पंजाब पुलिस अकादमी फिल्लौर में 600 नए सब इंस्पेक्टरों की एक साल की ट्रेनिंग चल रही है। ट्रेनिंग के दौरान पिछले 10 दिनों में उन्हें रोजाना 45 से 50 सब इंस्पेक्टरों के बैच में सिविल अस्पताल भेजा गया, जहां उन्हें फोरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. चरण कमल सिंह ने पोस्टमार्टम, मेडिको लीगल केसों की बारीकियां बताईं।
डॉ.चरण कमल के मुताबिक ट्रेनिंग के दौरान उन्हें बताया कि किस तरह पता लगाया जा सकता है कि कोई चोट घटना से पहले की या बाद की है। गला घोंटकर मारने या खुद फंदा लगाने पर किस तरह के निशान पड़ते हैं, उनका अंतर भी इन्हें बताया गया। इन्हें प्रोजेक्टर के साथ-साथ डेड बॉडी पर लाइव ट्रेनिंग भी दी गई है। इसके साथ ही उन्हें एमएलआर में लिखे जाने वाले शब्दों के मतलब भी बताए गए हैं,जिससे उन्हें आईपीसी की धाराओं में बदलने में आसानी हो।
पंजाब पुलिस अकादमी फिल्लौर की फोरेंसिक टीचर गगनदीप कौर व हरजिंदर सिंह ने बताया की ट्रेनिंग के दौरान पुलिस कर्मियों को बताया गया है कि कई बार जब उन्हें कोई लाश मिलती है तो उसका उन्होंने किस तरह मुआयना करना है, उन्हें किसी घटना में होने वाली एक्सटर्नल, इंटरनल इंजरी के बारे में भी बताया गया, जिन्हें डॉक्टर पोस्टमार्टम के दौरान देखते हैं।