Chandrayaan-3 में आने वाली बाधाओं को किया था दूर, राष्ट्रपति ने किया सम्मान
मोगाः पिछले साल चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बारे में सभी ने सुना और देखा होगा। जिस पर पूरे देश को हमारे वैज्ञानिकों पर गर्व है। आपकों बता दें कि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद उसके आगे बढ़ाने में आ रही बाधाओं को दूर करने में पंजाब के मोगा जिले के एक नौजवान नवदीप सिंह का भी खासा योगदान रहा है। जिसने चंद्रयान-3 में आने वाली 12 बाधाओं में से एक बाधा को दूर किया है। जिसके बाद उसकी इस काबलियत को देखते राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू द्वारा सम्मानित भी किया गया है। नवदीप की इस उपलब्धी पर पूरे गांव खाई और जिले में खुशी की लहर है।
जब नवदीप सिंह से बात की तो उन्होंन बताया कि मेरी इंटर तक की पढ़ाई आर्मी स्कूल में हुई है। पिताजी आर्मी में सूबेदार के पद पर कार्यरत है। जिस वक्त चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हुई तो उसे आगे बढ़ने में दिक्कत आ रही थी। वह पटियाला के थापर कॉलेज से बीटेक 2nd ईयर की पढ़ाई कर रहा था। इस दौरान उसे इसरो के हैदराबाद सेंटर में बुलाया। जहां पता चला की चंद्रयान-3 को आगे बढ़ने में 12 तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ रहा था। इस दौरान उन्हें एक बाधा को दूर करने का जिम्मा सौंपा गया।
नवदीप सिंह ने बताया कि चंद्रयान-3 कभी-कभी बिना किसी पत्थर से टकराए रुक जाता या आगे किसी गड्ढे में फंस जाता था। जिसके बाद उसने एक गाइड मैप तैयार कर चंद्रयान 3 के लिए भेजा। जिसका ट्रायल सफल रहा। जिसके बाद इसरो निदेशक ने इस कार्य की सराहना की और उसका नाम सम्मान के लिए भेजा। नवदीप की इस मेहनत के लिए उन्हें भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सम्मानित किया गया।
पिता गुरप्रीत सिंह ने कहा कि यह क्षण हमारे लिए, हमारे गांव, पंजाब और भारत के लिए गौरव का क्षण था। नवदीप ने खाई गांव का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया है। नवदीप की अभी 2 साल की पढ़ाई बाकी है। दूसरी तरफ नवदीप सिंह की मां छिंदरपाल कौर ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि बेटे ने यह मुकाम हासिल किया। नवदीप की इस सफलता पर दादी सुरजीत कौर ने भी खुशी जताई है।
वहीं गांव वासी निर्मल सिंह ने कहा कि जो मुकाम नवदीप सिंह सिद्धू ने हासिल किया है और देश की राष्ट्रपति मुर्मू से सम्मान हासिल किया है वह हमारे गांव के लिए ही नहीं पूरे पंजाब के नौजवानों के लिए प्रेरणा दायक है।