मुख्य बिंदु:
- किसानों को उर्वरक में मिलावट, कालाबाजारी की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 1100 और व्हाट्सएप नंबर +91-98555-01076 मिलेगी।
- दोषी डीलरों पर उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कानूनी कार्यवाही होगी।
- पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वैकल्पिक उर्वरक जैसे एनपीके, टीएसपी, एसएसपी की उपयोग की सलाह।
चंडीगढ़, 31 अक्टूबर 2024: पंजाब सरकार ने राज्य के किसानों को उर्वरक में मिलावट, अधिक कीमत व कालाबाजारी की शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1100 और व्हाट्सएप नंबर +91-98555-01076 की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने यह कदम किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए उठाया है, जिसमें किसानों को मदद मिलेगी ताकि कोई भी डीलर डीएपी या अन्य उर्वरक के साथ अनावश्यक उत्पादों की मिलावट न कर सके।
पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड़ियां ने बताया कि किसान अब किसी भी प्रकार की कालाबाजारी या अनधिकृत उर्वरक बिक्री की शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। साथ ही मंत्री ने किसानों से पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) के विशेषज्ञों की सलाह का पालन करने का आग्रह किया, जिसमें वैकल्पिक उर्वरक जैसे एनपीके (12:32:16), ट्रिपल सुपर फॉस्फेट (टीएसपी) और सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) को उपयोग करने का सुझाव दिया गया है।
आगामी योजनाएँ
कृषि मंत्री ने जानकारी दी कि उर्वरक में मिलावट या कालाबाजारी जैसे मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य किसानों को सस्ती, गुणवत्तायुक्त उर्वरक प्रदान करना है, जिससे उनकी उपज में सुधार हो सके।
इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने किसानों को जागरूक करने के लिए कई कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन करने की योजना बनाई है।