
चंडीगढ़। पंजाब में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लॉकडाउन लगाए जाने की चर्चाएं जोरों पर हैं। अब पंजाब सरकार ने इसे गलत बताया है। सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पंजाब में लॉकडाउन लगने की अफवाहें निराधार हैं। किसी भी अफवाह पर विश्वास या शेयर न करें। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं पंजाब में कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने को लेकर राज्य सरकार के बीच ही मतभेद उभरने लगा है। एक तरफ सरकार ने अपने अफसरों से मिले फीडबैक के सभी एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, वहीं अफसरों की सलाह कर ही राज्य में कोविड संबंधी बंदिशें एक हफ्ते बाद लागू करने का एलान भी किया है। इससे सवाल उठने लगे हैं कि जब हालात चिंताजनक बन गए हैं तो कोविड संबंधी एसओपी एक मार्च से लागू करने का फैसला क्यों किया गया जबकि इन्हें तुरंत प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए था।
तीन दिन पहले मुख्यमंत्री ने राज्य में कोविड की स्थिति की समीक्षा के लिए जो बैठक बुलाई थी, उसमें स्वास्थ्य सचिव समेत सभी अफसरों ने मुख्यमंत्री को हालात चिंताजनक होने की जानकारी दी थी। बताया गया कि अफसरों ने मुख्यमंत्री को विभिन्न जिलों में कोरोना के बढ़ते मामलों का हवाला भी दिया और दिन प्रतिदिन मामले बढ़ने के आंकड़े भी बताए। इसके साथ ही कोरोना की दुसरी लहर से निपटने के कई उपाय भी सुझाए गए। इस अलार्मिंग स्थिति को ध्यान में रखते हुए अमरिंदर ने 1 मार्च से राज्य में कोविड संबंधी हिदायतें लागू करने का एलान किया। साथ ही जिन जिलों में हालात ज्यादा खराब बताए गए, वहां रात का कर्प्यू लगाने की जिम्मेदारी संबंधित डीसी पर छोड़ दी।
कोविड संबंधी हिदायतों को एक हफ्ते बाद लागू करने के एलान किए जाने के संबंध में जब सेहत विभाग के अधिकारियों से जानकारी मांगी गई तो ज्यादातर ने हालात को चिंताजनक बताया। जबकि बैठक के बाद स्वास्थ्य सचिव ने मीडिया को कोविड हिदायतें देरी से लागू करने का कारण बताया कि अभी राज्य में हालात बहुत चिंताजनक नहीं हैं। फिर भी एहतियाती तैयारी शुरू कर दी गई है।