
बटाला: पूर्व राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता श्वेत मलिक द्वारा जेएंडके में हुए आतंकी हमलों पर दिए गए बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, बटाला में पत्रकारों से बात करते हुए श्वेत मलिक ने जेएंडके में हुए आतंकी हमलों को छुटपुट घटना बता दिया। पत्रकारों ने उनके मुंह से यह बात सुनी तो उन्होंने नेता के बयान पर विरोध जताया। इस दौरान उनके साथ बैठे पूर्व मंत्री अश्विनी सेखड़ी और पूर्व विधायक बलविंदर लाडी भी असहज नजर आए। जिसके बाद मलिक ने अपनी बात बदलकर पीछा छुड़ाया। श्वेत मलिक पंजाब भाजपा के सीनियर नेता हैं। वह अमृतसर के मेयर रह चुके हैं। इसके अलावा 2016 में उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया गया था। इस वक्त वह पंजाब भाजपा की कोर कमेटी के मेंबर हैं। श्वेत मलिक को दिवंगत भाजपा नेता अरूण जेटली का करीबी माना जाता था। जेटली के अमृतसर से चुनाव के वक्त मलिक ने उनकी चुनाव कमान संभाली थी। हालांकि तब जेटली हार गए थे।
प्रेस क्लब में पहुंचे BJP नेता श्वेत मलिक पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान पत्रकारों ने उनसे हाल ही में जम्मू में हुए आतंकी हमले और कई जवानों के शहीद होने के बारे में पूछा। इस पर श्वेत मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार चुनावों में बिजी थी। तब ऐसी छिटपुट घटनाएं होना एक साजिश है। इतना सुनते ही पत्रकारों ने उन पर सवाल खड़े कर दिए।
पत्रकारों के द्वारा उनसे इस बारे जवाब मांगा गया कि वे अपने इस बयान को क्लियर करें कि क्या 5-5 जवान शहीद हो गए और आप उसे छिटपुट घटना बोल रहे है। पत्रकारों ने सवाल खड़े किए कि वह जवानों के शहीद होने को छिटपुट घटना बोल रहे हैं।
आतंकी हमले को छिटपुट बोले जाने के मामले में मलिक ने सफाई देते हुए कहा कि सीमा पर जवान पूरी तरह से आतंकियों का विनाश कर रहे हैं। पाकिस्तान की साजिश का लगातार जवाब दिया जा रहा है। पंजाब से आतंकवाद खत्म हो गया है। कश्मीर से आतंकवाद खत्म करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। मलिक ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर यह मोदी सरकार की उपलब्धि है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन को मोदी ने कनविंस किया कि युद्ध विराम करो। जिसके बाद पुतिन ने कहा कि मैंने युद्ध रोक दिया। जिसके बाद इंजीनियरिंग कॉलेज आदि में फंसे बच्चों को बाहर निकाला गया। अफगानिस्तान से भी श्री गुरू ग्रंथ साहिब के स्वरूप को हरदीप पुरी लेकर आए।