पटियालाः पंजाब हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आज 5 दिन बाद सोशल मीडिया पर लाइव आए। उन्होंने कहा है कि पंजाब सरकार भी अब केंद्र के नक्शे कदम पर चलकर हमारे आंदोलन को कुचलने की तैयारी में है। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों को खनौरी पहुंचने की अपील की। साथ ही डल्लेवाल ने कहा कि जब हमने अनशन शुरू किया तो हमारा मानना था कि गांधीवादी तरीके से सत्याग्रह करेंगे। अंग्रेज सरकार भी सत्याग्रह को मानती थी, लेकिन यह सरकार हमारी बात सुनने के बजाए हमारे मोर्चे को कुचलने की कोशिश कर रही है। भारी संख्या में फोर्स लेकर पंजाब सरकार केंद्र के इशारे पर मोर्चे पर हमला करने की तैयारी में है।
मेरा लोगों से निवेदन है कि मोर्चे पर पहुंचें, ताकि इसे बचाया जा सके। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए किसान नेताओं और पंजाब के प्रशासन की मीटिंग फेल हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल को 31 दिसंबर से पहले अस्पताल में भर्ती करने को कहा है। इसी दिन इस केस की सुनवाई भी होनी है। इसको लेकर 3 बजे पंजाब के DIG जसकरण सिंह खनौरी बॉर्डर पहुंचे। हालांकि किसान इसके लिए राजी नहीं हुए। इसके बाद किसान नेताओं ने DIG के साथ डल्लेवाल से भी मुलाकात की।
अगर पंजाब सरकार उन्हें राजी नहीं कर पाई तो फिर 31 दिसंबर की सुनवाई में पंजाब के DGP और चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ अवमानना का मामला शुरू हो सकता है। वहीं किसान नेता सरवण पंधेर ने लुधियाना में दावा किया कि पंजाब सरकार ने पटियाला पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा है। वहां 30 से 40 बसें खड़ी कर दी हैं, जो कभी भी खनौरी बॉर्डर जा सकती हैं। बता दें कि पिछले 10 महीने से पंजाब के 2 किसान संगठन फसलों की खरीद के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून की मांग को लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर किसान नेता जगजीत डल्लेवाल खनौरी बॉर्डर पर 34 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं।
इससे पहले दोपहर में हरियाणा की 102 खाप पंचायतों ने हिसार के बास गांव में महापंचायत की। जहां 5 घंटे की महापंचायत के बाद केंद्र सरकार को आमरण अनशन पर बैठे जगजीत डल्लेवाल से बातचीत करने के लिए 9 जनवरी तक का अल्टीमेटम दे दिया है। खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो इसी दिन यानी 9 जनवरी को मुजफ्फरनगर में देश की सभी खापों की महापंचायत बुलाई जाएगी। जिसमें कड़े फैसले लिए जाएंगे।