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लुधियानाः अमेरिका से डिपोर्ट हुए यात्रियों में से बीते दिन पटियाला के 2 व्यक्तियों के गिरफ्तार होने की घटना सामने आई थी। जिसके बाद अब लुधियाना के व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान 26 वर्षीय गुरविंदर सिंह निवासी मेहरबान, ससराली कॉलोनी के रूप में हुई है। गुरविंदर पुलिस मुलाजिम दारी सिंह का बेटा है और उस पर स्नेचिंग का पर्चा दर्ज है।
गुरविंदर को देर रात जमालपुर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गुरविंदर के चचेरे भाई की शादी का हवाला देकर परिवार ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया। रिश्तेदारों ने बताया कि गुरविंदर के डिपोर्ट की अचानक खबर से वे सदमे में हैं और शादी समारोह में खलल डाले बिना स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं। परिवार के सदस्यों के अनुसार, गुरविंदर कुछ दिन पहले ही अमेरिका के लिए रवाना हुआ था।
उसने तीन महीने वहां रहने के बाद ट्रैवल एजेंटों के एक नेटवर्क को 45 लाख रुपए का भुगतान किया था। पिता दारी सिंह, जो पंजाब पुलिस के कॉन्स्टेबल और भूतपूर्व सैनिक हैं ने अपने बेटे के विदेश में बसने के सपने को पूरा करने के लिए इस रकम का एक बड़ा हिस्सा ब्याज पर लिया था। गुरविंदर का भाई पहले से ही कनाडा में बसा हुआ है और वह भी विदेश जाने का इच्छुक था, जिसके चलते उसने कई ट्रैवल एजेंटों से संपर्क किया। परिवार को शनिवार को पता चला कि गुरविंदर को अवैध रूप से देश में प्रवेश करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों ने हिरासत में लिया है।
उन्हें यकीन नहीं है कि उसने अमेरिका पहुंचने के लिए कुख्यात ‘डंकी रूट’ का इस्तेमाल किया था या नहीं। उन्होंने ट्रैवल एजेंटों पर निराशा व्यक्त की है, जिन्होंने मोटी रकम ली, लेकिन सुरक्षित और कानूनी मार्ग सुनिश्चित करने में विफल रहे। अपनी चिंताओं के बावजूद, परिवार खुलकर बोलने से कतराता है, क्योंकि उन्हें डर है कि डिपोर्ट पर सार्वजनिक ध्यान उनकी प्रतिष्ठा और चचेरे भाई की शादी को प्रभावित कर सकता है।
हालांकि, उन्होंने उन एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने गुरविंदर की गैरकानूनी यात्रा में मदद की। अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरने पर अधिकारियों को दिए गए बयान के अनुसार, गुरविंदर ने बठिंडा, दिल्ली और दुबई में स्थित तीन अलग-अलग एजेंटों को 45 लाख रुपए का भुगतान किया था। उनकी यात्रा पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुई थी, जब वे पहली बार गुयाना पहुंचे थे।