
जालंधर (ENS) : प्रसिद्ध नीति सलाहकार और व्यवसायिक नेता सिद्धार्थ शंकर शर्मा को केनेडी विश्वविद्यालय से सहकारिता में डॉक्टरेट (PhD) की उपाधि प्रदान की गई है। 24 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, उन्होंने निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में सहकारी नीतियों को आकार देने, स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने और भारत व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए व्यावसायिक अवसर उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उनके डॉक्टरेट शोध “सतत विकास के लिए सहकारी संस्थाएँ” में सहकारी संस्थानों की समावेशी आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का विश्लेषण किया गया है। उनका अध्ययन दर्शाता है कि सहकारी संस्थाएँ कैसे स्थायित्व, वित्तीय समावेशन और सामुदायिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में सहायक हो सकती हैं।
वर्तमान में, सिद्धार्थ शर्मा हरियाणा सरकार के सहकारिता विभाग में सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं और इससे पहले वह पंजाब सरकार के लिए भी इसी भूमिका में योगदान दे चुके हैं। सिंगापुर, चीन, मलेशिया, हांगकांग, थाईलैंड और यूएई जैसे देशों में उनके व्यापक अंतरराष्ट्रीय अनुभव ने उनकी वैश्विक सहकारी संरचना की समझ को और मजबूत किया है। यह शैक्षणिक उपलब्धि उनके शानदार करियर में एक और उपलब्धि जोड़ती है और उनके सहकारी आंदोलनों और सतत आर्थिक मॉडल को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को और सशक्त बनाती है।