
कई अधिकारियों तथा प्रधानों की बड़ सकती हैं मुश्किलें
जालन्धर/अनिल वर्मा/वरुण अग्रवालः जालन्धर कैंट में हुए अवैध निर्माणों के मामले में कैंट बोर्ड द्वारा कोई कारवाई न करने के मामले में आने वाले दिनों में कई अधिकारियों तथा चापलूस प्रधानों की मुश्किलें बढ़ती साफ दिखाई दे रही हैं। इस मामले में एक शिकायतकर्ता चंडीगढ़ मेंं स्थित पीडी कार्यलय में कई दस्तावेजों सहित शिकायत करने की तैयार कर रहा है। जिसमें कैंट की ज्यादातर वे कारोबारी इमारतें शामिल हैं जिन्हे रिपेयर की परमिशन लेकर दोबारा तैयार करवाया गया। इनमें कुछ ऐसी इमारतें भी शामिल हैं जोकि कैंट बोर्ड के रिकार्ड में रिहायशी हैं मगर मिलीभगत से उन इमारतों का चेंज आॅफ परपस कर दिया गया।
फिलहाल शिकायतकर्ता ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि उसके पास ऐसे कई दस्तावेज हैं जिनमें कैंट बोर्ड की लापरवाही में छुपी मिलीभगत साफ दिखाई दे रही है। बता दें कि कैंट थाने के समीप भी एक कांग्रेसी पार्षद के घर के नजदीक एक मकान को कैंट बोर्ड के अधिकारियों तथा प्रधानों की मिलीभगत से कारोबारी तैयार किया जा रहा है जहां आने वाले दिनों में एक ड्राईक्लीन का शौरुम खोलने की तैयारी की जा रही है।

इसी तरह मुहल्ला नंबर 20 में बन रही एक बड़ी इमारत है जोकि कैंट बोर्ड के रिकार्ड में रिहायशी है मगर मौके पर यहां भी ग्राउंड फ्लोर पर 5 दुकाने बनाकर शटर लगा दिए गए हैं तथा ऊपरी मंजिल पर जिम खोलने की तैयारी की जा रही है। बता दें कि इस बिल्डिंग का मालिक कैंट बोर्ड के दफ्तर से रिटायर्ड है। चर्चा है कि कैंट बोर्ड के अधिकारी अपने पुराने रिश्तों के कारण इस अवैध इमारत के खिलाफ कोई कारवाई नहीं कर रहे। इस बिल्डिंग मालिक ने नाले को भी कवर कर वहां स्टेपस बना दिए हैं।
इस मामले में कैंट बोर्ड के सीईओ ज्योति कुमार से संपर्क करना चाहा मगर उनसे संपर्क नहीं हो सका।