
जालंधर, ENS: किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे है। वहीं कुछ दिन पहले लुधियाना में किसानों की हुई मीटिंग में उन्होंने फैसला लिया था, कि वह 10 मार्च को आप के विधायकों और कैबिनेट मंत्रियों के घरों का घेराव करने का ऐलान किया था। जिसको लेकर आज किसानों ने कैबिनेट मंत्री मोहिंदर भगत के घर का घेराव किया है। हालांकि पुलिस ने कैबिनेट मंत्री के घर का घेराव करने से पहले ही कुछ दूरी पर बैरिकेंडिंग लगाकर किसानों को रोक लिया है।
बेरिकेंडिंग के पास किसानों द्वारा कैबिनेट मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है। वहीं दूसरी ओर पूर्व कैबिनेट मंत्री बलकार सिंह के घर के बाहर भी किसानों द्वारा धरना लगाया गया। वहीं भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान जसवंत सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सत्ता में आने से पहले कहा था कि पंजाब में लोगों को धरने से मुक्त किया जाएगा। लेकिन सत्ता में आप पार्टी के आने के बाद अब पंजाब में आए दिन धरने लगाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि 3 दिन चंडीगढ़ में धरना लगाया था, जिसमें उनकी मांगे मानी गई थी, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया गया था।
जिसके चलते अब दोबारा किसानों की ओर से चंडीगढ़ में 5 मार्च को धरना लगाने का ऐलान किया गया था। इस दौरान मुख्यमंत्री की अगुवाई में पंजाब पुलिस ने किसानों को धरने से पहले घरों से डिटेन किया गया। जिसके विरोध में 92 विधायकों और मंत्रियों के घरों के बाहर उन्होंने आज धरना लगाने का ऐलान किया था, इसी के चलते आज प्रदर्शन किया जा रहा है। किसानों ने कहा कि अगर उनकी मांगों को लेकर मसला हल नहीं हुआ तो एसकेएम की अगली मीटिंग में रणनीति तय की जाएगी। जिसमें एसकेएम की कॉल पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, किसानों द्वारा यह विरोध प्रदर्शन सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक किया जाना है। मीडिया से बात करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि हम चाहेंगे कि देश कि सत्तापक्ष व विपक्ष किसान मजूदरों की एमएसपी पर चर्चा करे और इस पर कानून बनना चाहिए। वहीं उन्होंने कहा कि देश के किसानों को कर्ज मुक्त किय जाए और हमारी अन्य मांगों पर ध्यान दिया जाए। शंभू बॉर्डर पर बनाई गई दीवार पर भी चर्चा होनी चाहिए, क्योंकि इसने पंजाब-हरियाणा की आर्थिकता को नुकसान पहुंचाया है।
दूसरी ओर पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर एक साल से चल रहे आंदोलन में एसकेएम शामिल होगा या नहीं, इस पर अभी तक किसानों की सहमति नहीं बन पाई है। हालांकि चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के साथ एक साल में 6 दौर की बातचीत हो चुकी है। 19 मार्च को चंडीगढ़ में फिर से बैठक तय है। वहीं, खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल 105वें दिन में प्रवेश कर गई है। वहीं, किसानों ने फैसला लिया है कि केंद्र सरकार के साथ होने वाली बैठक में दोनों मंचों के नेता हिस्सा लेंगे।