
जालंधर, ENS: अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्ट होने का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। वहीं इस मामले में जालंधर ईडी टीम ने कुछ दिन पहले एक्शन लेते हुए डिपोर्ट हुए 11 यात्रियों को सम्मन जारी किया था। जिसके बाद अब कहा जा रहा हैकि ट्रैवल एजेंटों पर जल्द गाज गिर सकती है। दरअसल, हाल ही में ‘डंकी’ मार्ग से अमेरिका भेजने में शामिल ट्रैवल एजेंटों पर शिकंजा कसने के लिए, ईडी ने 11 अवैध अप्रवासियों को समन भेजकर पेश होने के लिए कहा था। जिसके बाद आज कुछ यात्री ईडी दफ्तर पहुंचे। कैमरे के सामने यात्री कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन ऑफ कैमरे से उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने ट्रैवल एजेंटों के बारे में उनसे पूछताछ की है।
दरअसल, ईडी की टीम ने अपराध की आय का पता लगाने के लिए पीएमएलए के तहत एक जांच भी शुरू की है। प्रतिष्ठित सूत्रों ने बताया कि ईडी ने 11 लोगों को अलग-अलग तारीखों पर जालंधर में अपने कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा है। इन 11 यात्रियों में से एक हरियाणा से संबंधित है, जबकि बाकी पंजाब से है। बता दें कि अमृतसर हवाई अड्डे पर पंजाब के डिपोर्ट हुए लोगों की जांच के बाद राज्य के अधिकारियों द्वारा एकत्र किए गए प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, ट्रैवल एजेंटों को 44 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया था, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति ने अवैध रूप से अमेरिका पहुंचने के लिए औसतन 40 लाख रुपये से 50 लाख रुपये का भुगतान किया था।
बता दें कि ट्रम्प प्रशासन द्वारा 20 जनवरी को सत्ता संभालने के तुरंत बाद अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया। इस दौरान ट्रम्प ने बड़े पैमाने पर 4 विमानों में भारतीयों को डिपोर्ट किया। जिसमें पंजाब से संबंधित कुल 131 निर्वासित शामिल थे। सूत्रों ने कहा कि ईडी ने “स्वयं” निर्वासित लोगों के विवरण की व्यवस्था करके जांच शुरू की। शुरुआत में जिन 15 मामलों का विश्लेषण किया गया, उनमें से यह “11 डिपोर्ट लोगों के विवरण और पते” प्राप्त करने में कामयाब रहा।