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2 बच्चे नेशनल और 13 बच्चे जीत चुके स्टेट अवॉर्ड
जालंधर, ENS: महानगर के लद्देवाली गांव में 3 दोस्तों ने बॉक्सिंग चैपियन बनने का सपना देखा था, लेकिन वह अधूरा रहा गया। जिसके बाद उन्होंने तीनों दोस्तों ने एक ऐसी मिसाल पेश की कि वह अब कई युवाओं के सपने साकार कर रहे है। दरअसल, आज तीनों दोस्तों की मेहनत और निष्काम भाव से बच्चों को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है। तीनों दोस्तों द्वारा बच्चों को ट्रेनिंग रंग भी ला रही है। तीनों की ट्रेनिंग के चलते आज 2 बच्चे नेशनल अवार्ड और 13 बच्चे स्टेट अवार्ड जीत चुके हैं। यही कारण है कि तीनों दोस्तों की यह कहानी लोगों की जुबान पर है। हर कोई इसको सराहता हुआ नजर आ रहा है। तीनों दोस्त आज करीब 72 ऐसे बच्चों को अपने कोचिंग सेंटर में ट्रेनिंग दे रहे है।
दरअसल, तीनों दोस्तों के जब खुद के सपने पूरे नहीं हुए तो इन बच्चों के सुनहरे भविष्य को साकार करते हुए उनमें से अपने सपने को साकार करता हुआ देख रहे है। कहानी तीन ऐसे दोस्तों की है जो बॉक्सिंग में नेशनल स्तर पर तो पहुंचे लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलना उनके लिए मुमकिन नहीं हो पाया। ऐसे में करीब ढाई साल पहले इन तीनों ने मिलकर यह फैसला किया कि जो सपने वह खुद पूरे नहीं कर पाए वह उन बच्चों के सहारे पूरे करेंगे जो बॉक्सिंग में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। इन तीन दोस्तों का नाम है मोहित शर्मा, मोहित नंदा और फिटनेस ट्रेनर जसवीर सिंह। इनमें से मोहित शर्मा पंजाब पुलिस में कार्यरत है जबकि मोहित नंद का अपना बिजनेस है और जसवीर सिंह एक फिटनेस ट्रेनर है।
करीब ढाई साल पहले इन लोगों ने लद्देवाली गांव में एक बॉक्सिंग इंस्टिट्यूट खोला। जिसमें उसे समय 5 बच्चों से इस बॉक्सिंग ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत हुई। आज इस ट्रेनिंग केंद्र में करीब 72 बच्चे बॉक्सिंग की ट्रेनिंग ले रहे हैं। यही नहीं इन बच्चों में से दो बच्चे नेशनल 13 बच्चे स्टेट अवार्ड जीत चुके हैं। मोहित नंदा ने बताया कि तीनों दोस्तों ने करीब ढाई साल पहले इस ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट को बनाने का फैसला लिया था। वह चाहते थे कि जो सपने वह खुद पूरे नहीं कर पाए वह सपने उनके यह बच्चे पूरे करें। मोहित नंद के मुताबिक इस ट्रेनिंग सेंटर में शाम को 6 बजे से लेकर 8 बजे तक बच्चों को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग दी जाती है। यही नहीं इन बच्चों को बॉक्सिंग ग्लव्स ट्रैकसूट और बाकी सामान बिल्कुल मुफ्त में दिया जाता है। जिसका सारा खर्चा वह खुद अपने दम पर करते हैं।
उन्होंने बताया कि आज उनके यह बच्चे न सिर्फ स्टेट लेवल पर बल्कि नेशनल लेवल पर भी इस इंस्टिट्यूट का नाम रोशन कर चुके हैं। उनके मुताबिक उनका इस बात की बेहद खुशी है कि अब आने वाले समय में उनके यह बच्चे बड़े कंपटीशन के लिए विदेश भी जा सकते हैं और यही सपना देखकर उन्होंने इस इंस्टीट्यूट की शुरुआत की थी। मोहित नंद के मुताबिक जब उन्होंने यह ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट खोलने कहा तो उनके सामने सबसे बड़ी समस्या जगह की थी। पहले उन्होंने गांव के एक पार्क में इस इंस्टीट्यूट को खोलना चाहा लेकिन लोगों के विरोध के बाद उन्होंने अपना यह फैसला बदलकर एक ऐसे प्लांट पर इसकी शुरुआत की। जिसमें पूरी तरह से जंगल बना हुआ था। लेकिन खुद की और बच्चों की मेहनत के बाद इसको पूरी तरह से साफ किया गया और आज इस प्लांट को किराए पर लेकर एक शानदार बॉक्सिंग रिंग भी यहां पर लगवाया गया है।
जिसमें बच्चे बॉक्सिंग की अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग ले रहे हैं। उधर, इस इंस्टिट्यूट में स्टेट और नेशनल खेल चुके बच्चे भी मानते हैं कि इस इंस्टिट्यूट में आकर उन्हें बॉक्सिंग की पूरी तरह से ट्रेनिंग मिली और जिसका नतीजा यह है कि आज वह स्टेट और नेशनल लेवल के खिलाड़ी बन चुके हैं। उनका कहना है कि इस इंस्टिट्यूट में उन्हें हर तरह की सुविधा मिल रही है और इसके साथ-साथ एक नहीं बल्कि 3-3 कोच उन्हें यह ट्रेनिंग दे रहे हैं जो खुद भी अपने समय के एक बेहतरीन खिलाड़ी रह चुके हैं।