
माडल टाऊन गुरुद्वारा साहिब के बाहर बस्ती मिट्ठू के लखमीर सिंह खालसा ने शुरु की भूख हड़ताल
जालन्धर/अनिल वर्मा। जालन्धर माडल टाऊन गुरुद्वारा साहिब में बीते शनिवार पत्रकार मेजर सिंह को अंतिम श्रद्धांजली देने के लिए रखी गई सभा के बाहर एक बुजुर्ग सरदार ने नगर निगम की तहबाजारी शाखा के सुपरीडैंट मनदीप सिंह मिट्ठू के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कई सनसनीखेज आरोप लगा इंसाफ की गुहार लगाई।
बस्ती मिट्ठू के रहने वाले लखमीर सिंह खालसा ने कहा कि वह लंमा पिंड चौंक के समीप 1992 से एक ढाबा चला रहे थे जिसे नगर निगम की तहबाजारी शाखा के सुपरीडैंट मनदीप सिंह मिट्ठू ने गिरा दिया। इस दौरान खालसा ने कहा जहां वह ढाबा चला रहे थे उसके पीछे एक खाली प्लाट था जिस पर कुछ लोग कब्जा करना चाहते थे मगर मैं प्लाट मालिक का साथ दे रहा था। कब्जाधारियों ने मुझे पांच मरले प्लाट देने का भी लालच दिया मगर मै नहीं माना जिसके बाद कब्जाधारियों ने सुपरीडैंट मिट्ठू के साथ मिलकर तड़के ही ढाबा गिरा दिया और मुझे बेरोजगार कर दिया। खालसा ने आरोप लगाया कि ढाबा गिराने के बदले मिट्ठू ने एक लाख रुपये लिए हैं।
खालसा ने कहा कि इसके बाद उन्होने कई सिख जत्थेबंदियों से मदद की गुहार लगाई मगर किसी ने भी कोई मदद नहीं की। बीते दिन रोजी रोटी का जुगाड़ करने घर से निकले तो एक्सीडैंट होने से बाजू टूट गई। अब वह दाने दाने को मौहताज हैं तथा प्रशासन से अपनी रोजी रोटी का जुगाड़ करने की अपील करने के लिए भूख हड़ताल का रास्ता अपना रहे हैं। खालसा ने कहा कि जब तक उन्हे इंसाफ नहीं मिलेगा तब तक वह इसी तरह धार्मिक,राजनैतिक तथा प्रशासनिक सम्मेलनों के बाहर धरना लगाते रहेंगे।
इस मामले में सुपरीडैंट मनदीप सिंह मिट्ठू का पक्ष जानने के लिए जब उन्हे फोन किया गया तो उन्होने फोन नहीं उठाया। उनका पक्ष मिलने के बाद उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।