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जालंधर, ENS: पंजाब के डीजीपी गौरव यादव 52 कर्मियों को बर्खास्त किए जाने के मामले में देहात पुलिस के 2 मुलाजिम संगीन जुर्म को अंजाम दे चुके थे। जिसमें से आर्यन प्रीत सिंह नकोदर के गैंगस्टर अंकुश भैया से जुड़ा था। वह पुलिस की रेड से पहले अंकुश को कॉल कर देता था। इसलिए अंकुश और उसकी गैंग भाग जाती थी। इसी तरह दूसरे सी. कांस्टेबल रणधीर सिंह ने 72 घंटे में तीन पेट्रोल पंप लूटे थे। उस पर लूट के चार केस दर्ज हुए थे। कमिश्नरेट पुलिस में तैनात कांस्टेबल जसकीरत सिंह और आकाशदीप सिंह लंबे समय से ड्यूटी से गैर-हाजिर चल रहे थे।
20 सितंबर, 2023 को सुल्तानपुर लोधी के तलवंडी चौधरियां रोड पर गांव मेवा सिंह वाला में स्थित पेट्रोल पंप लूटते लुटेरा रणधीर सिंह हाथ में आया था। उसे पेट्रोल पंप कर्मी ने दिलेरी से पकड़ लिया था। फिर खुलासा हुआ था कि रणधीर सिंह नकोदर पुलिस का सीनियर कांस्टेबल है। 72 घंटे में तीन पेट्रोल पंप लूटे थे। रणधीर नकोदर के थाना सिटी में तैनात था। वह सर्विस पिस्टल से ही लूट कर रहा था। रणधीर को एक वीआईपी की सुरक्षा में लगाया गया था, क्योंकि उसे रंगदारी को लेकर कॉल आती थी। रणधीर ने ड्यूटी पर जाने की बजाय अपना गैंग बनाकर पेट्रोल पंप लूटने शुरू कर दिए थे। उस पर लूट के चार केस दर्ज किए गए थे। रणधीर रुटीन में भर्ती हुआ था।
दूसरी ओर लुधियाना से 8 पुलिस कर्मी शामिल है। जिसमें देहात और खन्ना के पुलिस कर्मी है। इन पुलिसकर्मियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत कदाचार के लिए डीजीपी यादव ने बर्खास्त कर दिया गया है। इनमें से 3 के खिलाफ आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं, जबकि बाकी पुलिसकर्मियों को लंबे समय तक गैरमौजूद रहने के कारण बर्खास्त किया गया है। विभाग की इस कार्रवाई के बाद अब पुलिस कर्मचारियों में डयूटी को लेकर गंभीरता शुरू हो रही है। लुधियाना के इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए जाने के बाद बर्खास्त कर दिया गया। हेड कॉन्स्टेबल अनिल कुमार, जो वर्तमान में ड्रग तस्करी के मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं वहीं वह लंबे समय तक ड्यूटी से गैरमौजूद रहे थे।
कॉन्स्टेबल इंद्रजीत सिंह और कॉन्स्टेबल विकास, जो बिना छुट्टी के गैरमौजूद थे, को भी बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि विकास पर ड्रग तस्करी के मामले में मुकदमा चल रहा है। देहात के तीन कॉन्स्टेबल- गुरप्रीत सिंह, इकबाल सिंह और गुरिंदर सिंह- को ड्यूटी से लंबे समय तक गैरमौजूद रहने के कारण बर्खास्त कर दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गुरप्रीत सिंह और इकबाल सिंह कुछ समय से विदेश में रह रहे हैं, जबकि गुरिंदर सिंह को ड्रग की लत के कारण बर्खास्त किया गया है।
2016 में भर्ती हुए गुरप्रीत सिंह करीब एक साल पहले विदेश चले गए थे। 2011 में फोर्स में शामिल हुए इकबाल सिंह करीब डेढ़ साल पहले विदेश चले गए थे। 2019 में अपने पिता के निधन के बाद पारिवारिक मुआवजा योजना के तहत नौकरी हासिल करने वाले गुरिंदर सिंह नशे से जुड़े मुद्दों के कारण गैरमौजूद थे। इसी तरह के एक मामले में खन्ना के सीनियर कॉन्स्टेबल भगवंत सिंह को 17 अप्रैल, 2024 से ड्यूटी से गैरमौजूद रहने के बाद बर्खास्त कर दिया गया।