
जालंधर : सिख समुदाय के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे ने दमदमी टकसाल केसगढ़ साहिब में नए जत्थेदार की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए हैं। जसबीर सिंह रोडे ने कहा कि किसी निहंग जत्थेबंदी और अन्य सिख जत्थेबंदियों से पूछे बिना नियुक्ति करना पूरी तरह से गलत है। पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे ने कहा कि सिखों की संस्था शिरोमणि प्रबंधक कमेटी बहुत कुर्बानियों से अस्तित्व में आई है। सुखबीर सिंह बादल को इस्तीफा देने का आदेश दिया गया था और सात सदस्यीय कमेटी के आदेशों का पालन किया जाना चाहिए। लेकिन इस दौरान बादल की ओर से मीडिया में कई गलत बयान दिए गए।
जसबीर सिंह ने कहा कि दबाव को देखते हुए एसजीपीसी प्रमुख बलजिंदर सिंह धामी ने इस्तीफा दे दिया। हम चाहते हैं कि कमेटी के सदस्यों के बेटे, जिन्होंने दाढ़ी कटवा ली है और शराब का सेवन करते हैं, वे नशे से मुक्त हों और अमृत धारी सिख हों। मैं खुद जत्थेदार था, लेकिन ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। सिंह साहिब हरप्रीत सिंह को उनके पद से हटा दिया गया। जसबीर सिंह ने कहा कि हमने और हमारे समुदाय ने शिरोमणि कमेटी बनाने के लिए अपनी जान कुर्बान की है। इस पर किसी का कोई निजी अधिकार नहीं है। जसबीर सिंह रोडे ने जानकारी देते हुए बताया कि होली मोहल्ला के त्योहार के बाद हम सिख संगठनों की बैठक बुलाएंगे और फिर पंथ की रक्षा के लिए उनसे चर्चा करेंगे।
केसगढ़ साहिब के नए जत्थेदार की ताजपोशी तय हो गई है। अगर कल ताजपोशी के दौरान कोई घटना होती है तो इसके लिए सुखबीर सिंह बादल और कमेटी के अन्य सदस्य जिम्मेदार होंगे। जसबीर सिंह ने कहा कि अगर जत्थेदार की नियुक्ति करनी होती है तो निहंग संगठनों की राय ली जाती है। उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल ऐसा फैसला नहीं ले सकता जो सिख पंथ के खिलाफ हो। ऐसा करने का किसी को अधिकार नहीं है। कल की ताजपोशी के लिए अलग अलग संपदाओं को बुलाया गया है।