जालंधर, ENS: ई.एस.आई अस्पताल जहां श्रमिकों इस आस से उपचार करवाने आते हैं कि उन्हें अच्छी सेहत सुविधाओं के साथ बेहतर माहौल और स्वच्छ वातावरण भी मिलेगा। लेकिन पता नहीं अब ईएसआई अस्पताल के हालात क्यों खराब हो रहे हैं। बता दें कि ईएसआई अस्पताल में मैडीकल सुपरिंटेंडेंट 1 डा. जसमिंदर जब से बदल कर डायरैक्टर ईएसआई बन गई हैं। उसके बाद से ही ईएसआई अस्पताल को नई मैडीकल सुपरिंटेंडेंट नहीं मिलने के कारण जहां हालात खराब होने लगे है। कभी डेंगू वार्ड की दयनीय हालत के कारण मरीज परेशान होते हैं तो कभी अस्पताल में गंदगी व अंधेरे के कारण हालात खराब होते हैं।
ईएसआई अस्पताल में गंदगी से बुरा हाल है। इससे मरीजों के परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों के परिजनों ने कहा कि सफाई के लिए कई बार अस्पताल प्रशासन से शिकायत की जाती है, मगर कोई सुनने को तैयार नहीं है। जब मीडिया ने ईएसआई अस्पताल का दौरा किया ताकि मरीजों को पेश आने वाली परेशानियों के बारे में तस्वीरों के जरिए सीनियर अधिकारियों के नोटिस में मामले को लाया गया। टीम ने देखा कि ईएसआई की डिस्पेंसरी नंबर 1 कि बिल्डिंग में बने शौचालयों की हालत खराब थी। यही नही डिस्पेंसरी में लगा पानी वाला कूलर भी खराब था।
इसके साथ अस्पताल स्टाफ द्वारा मेल तथा फीमेल शौचालयों को ताला लगाकर रखा गया था, जोकि वे खुद प्रयोग करते हैं। क्या यह सही बात है कि सरकारी कर्मचारी होने के कारण स्टाफ लोगों से भेदभाव करे। इसके अलावा अस्पताल में लाईटें खराब होने के कारण अस्पताल परिसर में अंधेरा छाया हुआ था। चोर अंधेरे में चोरी की वारदात को अंजाम दे जाए तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी।