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गुरदासपुरः अमेरिका से 3 विमानों में डिपोर्ट होकर पहुंचे भारतीय यात्रियों को लेकर मुद्दा गरमाया हुआ है। वहीं इस मामले को लेकर सासंद में नेता सवाल उठा रहे है। इस दौरान हाल ही में सीएम भगवंत मान ने भी अमेरिका से डिपोर्ट होने के मामले को लेकर केंद्र पर जमकर निशाना साधा था। दूसरी ओर अमेरिका से डिपोर्ट होने के मामले में डीजीपी गौरव यादव द्वारा 4 सदस्यी एसआईटी का गठन किया गया है। वहीं पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार को गैरकानूनी तरीके से इमिग्रेशन को रोकने के आदेश दिए हैं। सरकार को एक महीने में अवैध इमिग्रेशन रोकने के लिए कदम उठाने होंगे।
दरअसल, एडवोकेट कंवल पहुल सिंह ने एक याचिका दायर की। जिसमें उन्होंने अमेरिका से बड़ी संख्या में पंजाब के लोगों के वापस भेजे जाने (डिपोर्टेशन) की घटना को उठाया है। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया कि वह अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करे और पंजाब से अमेरिका तक डंकी रूट से हो रही अवैध इमिग्रेशन को रोकने के लिए एक महीने के भीतर फैसला लें। मुख्य न्यायाधीश शील नागु और न्यायमूर्ति हरमीत सिंह ग्रेवाल ने याचिकाकर्ता एडवोकेट कंवल पहुल सिंह को सलाह दी कि वह अपनी शिकायत सरकार को भेजे। कोर्ट ने सरकार से कहा कि वह 30 दिनों के भीतर इस पर फैसला लेकर जानकारी दे। इसके साथ ही याचिका का निपटारा भी कर दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार याचिका में 3 प्रमुख मांगों को रखा गया था। जिसमें पंजाब के हर जिले में इमिग्रेशन चेक पोस्ट बनाया जाए, ताकि विदेश जाने की प्रक्रिया सही तरीके से हो और लोग धोखाधड़ी का शिकार न हों। दूसरा फर्जी ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। तीसरा विदेशों में काम देने वाले प्रमाणित रिक्रूटिंग एजेंट्स की सूची अपडेट की जाए। सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि अमेरिका से आए पहले जत्थे में 104 लोगों में से 32 पंजाब, 32 हरियाणा और बाकी अन्य राज्यों के थे।
केंद्र सरकार के वकील धीरज जैन ने कहा कि ये लोग पहले यूरोप पढ़ाई या टूरिस्ट वीजा पर गए थे, फिर वहां से अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचे। केंद्र सरकार ने बताया कि इमिग्रेंट्स रक्षक सिर्फ उन लोगों पर लागू होता है जो वर्क वीजा पर विदेश जाते हैं, लेकिन ये लोग टूरिस्ट या स्टडी वीजा पर गए थे। दलीलें सुनने के बाद, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट पीठ ने याचिकाकर्ता को उचित अधिकारियों के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराने की सिफारिश की है। इसके साथ ही, याचिका का निपटारा कर दिया गया।