
गुरदासपुरः जिले में पुलिस प्रशासन और किसानों में झड़प होने का मामला सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार गांव भरथ में पुलिस जमीन का कब्जा लेने पहुंची, जहां किसानों ने प्रशासन का विरोध करना शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस प्रशासन और किसानों में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। जिसमें कई किसानों के घायल होने की खबर है, वहीं इस झड़प में कई किसानों की पगड़ियां उतर गई।
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दरअसल, लंबे समय से राष्ट्रीय राजमार्ग दिल्ली जम्मू कटरा एक्सप्रेस का काम रुका हुआ है क्योंकि कुछ किसानों ने अपनी जमीन नहीं दी जा रही है और समय-समय पर किसानों द्वारा उस जगह पर विरोध प्रदर्शन भी किया जा रहा था। आज श्रीहरगोबिंदपुर के भरथ नंगल झौर और आसपास के गांवों में प्रशासन द्वारा तड़के सुबह 4 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग दिल्ली जम्मू कटरा एक्सप्रेस के अधीन आने वाली जमीन पर पुलिस और प्रशासन द्वारा कब्जा लेना शुरू कर दिया गया, जिसके विरोध में किसान मजदूर संघर्ष समिति पंजाब के जिला गुरदासपुर के विभिन्न जोनों से लगभग 25 किसान मौके पर पहुंचे।
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वहां किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसमें करीब 7 किसान घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। किसान नेताओं का कहना है कि प्रशासन द्वारा 24 फरवरी को भी इसी तरह गांव चीमा खड्डी, भरथ, मेतले, नंगल चौर की जमीनों पर कब्जा लेने की बड़ी कोशिश की गई थी। जत्थेबंदी की नीति के अनुसार, जो किसान पूरी रकम प्राप्त कर चुके हैं या जो लोग प्रशासन के साथ सहमति करके जमीनें छोड़ रहे हैं, उनके लिए जत्थेबंदी जमीनी विवाद में अड़िका नहीं बनेगी, लेकिन सारी नीति डीसी गुरदासपुर उमा शंकर जी के साथ तय की गई थी।
इसकी उच्च स्तरीय बैठकें डीआईजी बॉर्डर रेंज अमृतसर, डीसी गुरदासपुर, डिवीजनल कमिश्नर जालंधर, मुख्य सचिव और मुख्य मंत्री पंजाब के साथ कई बार तय होने के बाद लंबी विचार चर्चा के बाद यह तय हुआ था कि बिना पैसे दिए किसानों की जमीनों पर कब्जा नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज 11 मार्च को तड़के सुबह बड़ी फोर्सों के साथ इन गांवों में फिर से कब्जा लेना शुरू किया गया और किसान मजदूर महिलाओं पर अत्याचार किया गया, जिसमें किसानों के वाहन भी तोड़े गए। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में तीखे एक्शन का ऐलान किया जाएगा और जमीन के पूरे मुआवजे नहीं मिलने तक कब्जे नहीं छोड़े जाएंगे।